Friday, 11 July 2014

नहीं रहीं जानी-मानी अभिनेत्री ज़ोहरा सहगल :::: उत्तराखंड में हुआ था जोहरा सहगल को प्यार

नहीं रहीं जानी-मानी अभिनेत्री ज़ोहरा सहगल :::: उत्तराखंड में हुआ था जोहरा सहगल को प्यार


 गुरुवार, 11 जुलाई, 2014 

ज़ोहरा सहगल और अमिताभ बच्चन

भारतीय फ़िल्मों की जानी-मानी हस्ती ज़ोहरा सहगल का 102 साल की उम्र में निधन हो गया है.
सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने बीबीसी से बातचीत में इसकी पुष्टि की.

हाशमी ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली के लोदी रोड स्थित शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार होगा
ज़ोहरा की आखिरी हिंदी फिल्म 2007 में संजय लीला भंसाली की साँवरिया थी.

उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ 'चीनी कम' और 'कभी ख़ुशी, कभी ग़म' जैसी फ़िल्मों में काम किया था.
इसके अलावा 'वीर-ज़ारा' और 'हम दिल दे चुके सनम' जैसी कामयाब फिल्मों में भी वह नज़र आईं.

'100 साल की बच्ची'


ज़ोहरा सहगल
ज़ोहरा सहगल लगातार काम करते रहने को लंबी उम्र का राज़ बताती थीं
उन्होंने 'चीनी' कम में अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभाई थी. साल 2012 में जब ज़ोहरा सहगल ने 100 साल पूरे किए थे तब अमिताभ बच्चन ने उन्हें '100 साल की बच्ची' कहा था.
अमिताभ कहते हैं, "एक प्यारी छोटी सी बच्ची की तरह हैं वो. इस उम्र में भी उनकी असीमित ऊर्जा देखते ही बनती है. मैंने उन्हें कभी भी निराश या किसी दुविधा में नहीं देखा. वो हमेशा हंसती, खिलखिलाती रहती हैं."
अमिताभ बताते हैं कि 'चीनी कम' के सेट पर ज़ोहरा हमेशा सबको बड़े प्यार से पुरानी कहानियां सुनाया करती थीं.

ज़ोहरा सहगल के साथ अपने करीबी संबंधों का ज़िक्र करते हुए अमिताभ बताते हैं, "ज़ोहरा जी, पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर से जुड़ी थीं और पृथ्वीराज कपूर का मेरे पिता से बहुत करीबी रिश्ता था. जब भी पृथ्वीराज जी अपने नाटक के सिलसिले में इलाहाबाद आते, तो वहां हम सबकी ज़ोहरा जी से ज़रूर मुलाकात होती."
ज़ोहरा कहती थीं कि उनकी लंबी उम्र का राज़ लंबे समय तक सक्रिय रहना था.
ज़ोहरा सहगल कहती थीं, "अगर आप निष्क्रिय होकर घर पर बैठ गए तो समझ लीजिए आप खत्म हो गए."

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#ZohraSehgal #passedaway
#BollywoodDadi we miss you...
i pray to god for your calmful soul


 उत्तराखंड में हुआ था जोहरा सहगल को प्यार
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मशहूर अभिनेत्री जोहरा सहगल का देहरादून से पुराना नाता रहा है। खास बात यह है उनकी शादी भी दून स्थित कचहरी में ही हुई थी।

अल्मोड़ा में मशहूर कलाकार उदय शंकर की एकेडमी में नृत्य के दौरान ही उनकी मुलाकात कामेश्वर सहगल से हुई और दोनों के बीच प्यार हो गया।

फिल्मों के जानकार और दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े मनोज पंजवानी ने बताया कि जोहरा ने यूरोप में उदय शंकर की एकेडमी से थियेटर की भी ट्रेनिंग ली।

अल्मोड़ा में कामेश्वर सहगल से हुआ प्यार

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इसके बाद वह उदय शंकर के ग्रुप से जुड़ गई। उदय शंकर ने अल्मोड़ा में अपनी एकेडमी खोली।

जोहरा यहीं नृत्य सिखाने लगी। तब कामेश्वर सहगल इनसे नृत्य सीखने आते थे और इसी दौरान दोनों में प्यार हो गया।

पांच साल यहां नृत्य सिखाने के बाद वह मुंबई चली गईं। फिर वहां इन्होंने पांच साल तक नृत्य-निर्देशन की दिशा में काम किया।

चकराता में था उनका पुश्तैनी मकान

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जोहरा सहगल अक्सर बचपन में दून आया करती थीं। जानकार बताते हैं कि यहां चकराता में उनका पुश्तैनी मकान था। जहां वह छुट्टियां बिताने आया करती थीं। वह अक्सर पेड़ पर चढ़ जाया करती थीं और खूब शरारते किया करती थी।

हालांकि उनका जन्म 27 अप्रैल, 1912 को सहारनपुर में हुआ था। रोहिल्ला पठान मुमताजउल्लाह खान की वह सातवीं संतान थीं।

उनके मामा साहेबजादा सइदुज्जफर खान रामपुर से ताल्लुक रखते थे, जिनका परिवार बाद में देहरादून में रहने लगा था।

वेल्हम गर्ल्स जिस जगह, वहां था ‘नसरीन’

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वह यूके से मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे थे, जब उन्होंने उन्हें एक ब्रिटिश एक्टर के सानिध्य में अप्रेंटिस करने को कहा। यूनाइटेड नेशंस पापुलेशन फंड ने उन्हें ‘लाडली आफ द सेंचुरी अवार्ड’ से भी नवाजा।

वेल्हम गर्ल्स स्कूल जिस जगह पर है, वहीं जोहरा सहगल के मामा का घर नसरीन था।

वह इसी जगह अपने रिश्ते के भाई-बहनों के साथ छुट्टियां बिताने आया करती थी

इन फिल्मों में दिखाए जोहरा ने जौहर

जोहरा सहगल ने हम दिल दे चुके सनम, वीर-जारा, सांवरिया, लाडली, चीनी कम जैसी फिल्मों में अभिनय के जौहर दिखाए।
सौ साल की उम्र पार करने के बावजूद उनका जोश-ओ-खरोश देखने वाला था। उन्होंने अभिनय को किया नहीं, जिया।

चेतन और जोहरा मुंबई में रहे एक ही घर में
दून स्कूल से नौकरी छोड़कर मुंबई जाने के बाद प्रख्यात निर्देशक और देव आनंद के भाई चेतन आनंद और जोहरा काफी समय एक ही घर में रहे।

जोहरा ने कई बार अपने भीतर विद्रोह पनपने का कारण बचपन की शरारतों को ही करार दिया।

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