कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए मोदी सरकार ने उठाया पहला ठोस कदम
कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए मोदी सरकार ने उठाया पहला ठोस कदम
नई दिल्ली। कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के चुनावी वायदे को अमलीजामा पहनाने के लिए मोदी सरकार ने पहला ठोस कदम उठा दिया है। बजट में इसके लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय जल्द ही इसके लिए नई नीति की घोषणा करेगा। कश्मीरी पंडितों की घर-वापसी के लिए 2008 में घोषित पैकेज बुरी तरह विफल रहा है और इसके तहत अब तक केवल एक ही परिवार घाटी लौट सका है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र में कश्मीरी पंडितों की घर वापसी को अहम स्थान दिया गया था। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार के दौरान यह मुद्दा उठाते रहे हैं। बाद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार कश्मीरी पंडितों की पूरे सम्मान व सुरक्षा के साथ घाटी में वापसी के लिए विशेष कदम उठाएगी।
राष्ट्रपति का कहना था कि घाटी में कश्मीरी पंडितों को रोजगार व जीविकोपार्जन की सहुलियत सुनिश्चित की जाएगी। सरकार बनने के डेढ़ माह बाद ही कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए 500 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह अपने चुनावी वायदे को पूरा करने के लिए कृत-संकल्प है। बजट पेश करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि विस्थापित कश्मीरियों के पुनर्वास के लिए हमारी विशेष मदद की जरूरत है।
कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए धन की व्यवस्था का स्वागत करते हुए गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में वायदे तो बहुत किए गए, लेकिन समस्या को दूर करने के लिए ठोस कदम अभी तक नहीं उठाए गए। पहली बार मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों की पूरे सम्मान व सुरक्षा के साथ घर वापसी का ऐलान किया है।
पिछले माह उमर अब्दुल्ला के साथ मुलाकात के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी की प्रस्तावित नीति में कमियों की ओर ध्यान दिलाया था। उमर अब्दुल्ला का कहना था कि वे इस नीति में संशोधन के लिए तैयार हैं।
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