मेरठ : खेडा महापंचायत में बवाल,फायरिंग 2 की मौत 45 लोग घायल
मेरठ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक संगीत सोम की गिरफ्तारी के विरोध में मेरठ के सरधना में प्रशासन की रोक के बावजूद आयोजित की गई महापंचायत के दौरान ग्रामीणों ने जमकर पथराव, तोडफ़ोड़ और आगजनी की। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और हवा में गोलियां चलाईं। इस घटना में एक ग्रामीण और 13 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरे इलाके में तनाव बरकरार है। गुस्साई भीड़ ने कमिश्नर, डीआइजी, डीएम और एसएसपी समेत विभिन्न अधिकारियों और रोडवेज की 50 से अधिक गाडियों में तोडफोड़ कर तीन को आग के हवाले कर दिया। सूत्रों के मुताबिक हुई हिंसा में दों लोगो की मौत होने की खबर है
सरकार ने स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में होने का दावा किया है। सरधना के खेड़ा गांव में संगीत सोम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाए जाने और उनकी गिरफ्तारी के विरोध में महापंचायत आयोजित की जा रही थी। जिला प्रशासन की रोक के बावजूद खेड़ा और आस-पास के करीब चार हजार लोग इसके लिए एकत्र हुए थे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं। सोम सरधना से विधायक हैं। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) मुकुल गोयल ने पत्रकारों को बताया कि महापंचायत के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई
उन्होंने कहा, पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। पुलिस की तरफ से हवा में गोलियां चलाई गईं और आंसूगैस के गोले छोड़े गए। घटना में किसी की मौत नहीं हुई। केवल मोहित नाम का एक युवक घायल हुआ जिसकी हालत खतरे से बाहर है।
गोयल ने आगे बताया कि फिलहाल इलाके में शांति है। सारी भीड़ को मौके से हटा दिया गया है। हालात पूरी तरह से पुलिस के नियंत्रण में हैं। पुलिस द्वारा पूरे इलाके में गश्त की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर डेरा डालकर हालात की निगरानी कर रहे हैं। फिलहाल सेना बुलाने पर कोई विचार नहीं किया गया है। गृह विभाग के सचिव कमल सक्सेना ने शाम को लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि घटना में युवक के अलावा अर्धसैनिक बलों और पुलिस के 45 लोग घायल हो गए, जिनमें दो महिला सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पंचायत में प्रतिबंध का व्यापक प्रचार प्रसार किया था। आयोजकों और ग्राम प्रधानों को नोटिस दिया था कि पंचायत हुई तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सारे रास्तों पर पुलिस तैनात थी, लेकिन ग्रामीण रात को ही खेतों के रास्ते महापंचायत के लिए जुटने शुरू हो गए। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने पथराव और तोडफ़ोड़ की। भीड़ ने कुल 14 वाहनों में तोडफ़ोड़ की जिसमें नौ वाहन अर्धसैनिक बलों के हैं।
क्या संगीत सोम के भाई और पत्नी जो पंचायत के आयोजक थे, के खिलाफ कार्रवाई होगी? इस पर कोई सीधा जवाब देने से बचते हुए गृह सचिव ने कहा कि आयोजकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। सवाल उठ रहा है कि प्रशासनिक रोक और खेड़ा गांव व आस-पास में 32 कंपनी अर्धसैनिक बलों और भारी पुलिस बलों की तैनाती के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में भीड़ वहां कैसे पहुंच गई।
वही घटना के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि मुजफ्फरनगर घटना के बाद आज मेरठ की घटना से साबित हो गया है कि अखिलेश सरकार पूरी तरह से विफल है।
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