स्पेन में घड़ियों को एक घंटा 'खिसकाने की तैयारी'
सोमवार, 30 सितंबर, 2013 को 00:36 IST तक के समाचार
स्पेन की संसद में ऐसे प्रस्तावित कानून पर चर्चा होनी है जिसके तहत देश के समय में एक घंटे का बदलाव किया जाएगा.
समय में बदलाव की ये कोशिश एक रिपोर्ट के बाद हो
रही है जिसके मुताबिक इस बदलाव से स्पेन के लोगों के खाने, सोने और काम से
जुड़ी आदतें सुधरेंगी.वर्ष 1942 में स्पेन के तानाशाह जनरल फ्रांको ने स्पेन को भी केंद्रीय यूरोपीय समय (सीईटी) टाइम जोन में शामिल कर दिया ताकि नाजी जर्मनी का अनुसरण कर सके.
ये रिपोर्ट कहती है कि स्पेन को भी उसी टाइम जोन में होना चाहिए जिसमें ब्रिटेन और पुर्तगाल हैं.
बदलाव की जरूरत
क्या कहते हैं लोग
- हम सूर्य के अनुसार चलते हैं, घड़ी के अनुसार नहीं. - लोला हिदाल्गो कैल्लो, सेविल
- मेरा ज्यादातर बचपन फ्रांकों के स्पेन में ही बीता है और हम 1980 के दशक में स्पेन के मयोर्का द्वीप पर खेती करते थे, मुझे समय को लेकर कभी कोई दिक्कत नहीं हुई.- जॉन बारट्राम, ब्रिटेन
- मुझे नहीं लगता कि टाइम जोन बदलने से हमारी जिंदगी या फिर उत्पादकता दर में कोई बड़ा बदलावा आएगा.- नायरा मर्चेन, बार्सिलोना
आयोग का कहना है, “हम विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों से कम से कम एक घंटा कम सोते हैं.”
इस सबका का असर हमारी उत्पादकता पर पड़ता है और इससे अनुपस्थिति, तनाव, दुर्घटनाएं और स्कूल छोड़ने की दर बढ़ती है.
रिपोर्ट कहती है कि स्पेन के लोग बाकी पड़ोसी देशों के मुकाबले एक घंटा देरी से सोते हैं. “हमारी दिनचर्या घड़ी से कम और सूर्य से ज्यादा निर्धारित होती है. सूर्य के अनुसार हम दोपहर को एक बजे खाना खाते हैं और शाम का खाना रात आठ बजे होता है, लेकिन घड़ी के मुताबिक उस वक्त दोपहर के तीन और रात के दस बज रहे होते हैं.”
आयोग का कहना है कि घड़ियों को मौजूदा समय से एक घंटा पीछा करने से स्पेन कई मायनों में यूरोप के अनुरूप हो जाएगा.
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