Monday 30 September 2013

शिंदे ने कहा, लालू इसी के लायक थे

शिंदे ने कहा, लालू इसी के लायक थे









 नई दिल्ली: चारा घोटाले पर अदालत के फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया है। बीजेपी का कहना हैं कि लालू का दोषी करार होना ‘बिहार के लिए न्याय का दिन’ है। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा, 'जो भी कोर्ट का फैसला है उसका सम्मान होना चाहिए। देश में ऐसा माहौल हो जहां किसी भी नेता पर ऐसे आरोप न लगे। आज की तारीख में नेताओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं ऐसे में राजनीति की सफाई जरूरी है।'

बीजेपी नेता राजीव प्रताप रुड़ी ने कहा कि यह बड़ा फैसला है और बिहार के साथ न्याय हुआ है। बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू ने जो बोया वही पाया। बोया पेड़ बबूल का तो फूल कहां से होई। वह इसी के लायक थे। बीजेपी नेता उमा भारती ने ट्वीट किया, चारा घोटाले पर फैसले का स्वागत क्योंकि यह सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों के लिए संदेश है।

भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘‘अदालत ने बिहार में खजाने की लूट की खुली छूट दिये जाने का संज्ञान लेते हुए फैसला सुनाया है, हम फैसले का स्वागत करते हैं।’’ अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘आज, कानून ने अपना काम किया है। वो सभी लोग जो भ्रष्टाचार करते हैं और सोचते हैं कि उन्हें माफी मिल जाएगी ,उन्हें यह समझने की जरूरत है कि कानून आपको अपनी गिरफ्त में ले लेगा। मुझे यकीन है कि यह उन लोगों को भी अपनी गिरफ्त में लेगा जो भारत सरकार के साथ हैं।

कांग्रेस पार्टी ने भी कहा कि अदालत ने अपना काम किया है। पार्टी के नेता राशिद अल्वी ने कहा, ‘‘अदालत द्वारा दिये गये फैसले का हम सम्मान करते है क्योंकि कानून व्यक्ति व्यक्ति के बीच कोई भेदभाव नहीं करता । कानून ने अपना काम किया है। अदालत के प्रति हम पूरा सम्मान व्यक्त करते है ।’’

चारा घोटाले पर फैसले का सीबीआई ने स्वागत किया है। सीबीआई ने कहा कि कानून ने अपना काम किया। सीबीआई ने केस की अच्छी पैरवी की।

लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। हमारे नेता को फंसाने की कोशिश की है।

नीतीश कुमार ने लालू यादव पर  टिप्पणी से इनकार कर दिया उन्होंने कहा, 'यह न्यायिक प्रक्रिया है। मैं टिप्पणी नहीं करूंगा।'


राष्ट्रीय-राजनीति
वी.के.सिंह के खिलाफ कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश

श्रीनगर, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के कुछ मंत्रियों ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वी.के.सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया है।

राज्य के वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेकां नेता अब्दुल रहमान राथर ने सदन में कहा कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के.सिंह ने न केवल सेना की छवि खराब की है, वरन अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है।

राथर ने कहा कि उन्होंंने आरोप लगाया है कि इस सदन के कुछ सदस्यों और मंत्रियों को धन मुहैया कराया गया है। अब उनको चुपचाप घर बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यदि उनके पास साक्ष्य हैं तो वह उनको इस सदन में पेश करें।

राथर ने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए कहा जिससे पूर्व थल सेना अध्यक्ष को सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए सदन में पेश किया जा सके। सदन के पास ऐसा करने का अधिकार है।

विधानसभा अध्यक्ष मुबारक गुल ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि उनके कार्यालय को जनरल वी.के.सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव मिल गया है। इस बारे में एक आदेश शीघ्र ही दिया जाएगा।




बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने लालू को दोषी करार दिए जाने की घटना को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों और नौकरशाहों के लिए यह फैसला प्रेरणा देने वाला है। सिंह ने कहा कि राजनीतिक जीवन में पवित्रता जरूरी है। ऐसे में अगर आरोप लगे और फिर आरोप साबित हो जाए तो यह बड़े शर्म की बात है। इससे राजनीतिज्ञों पर सवाल उठने लगते हैं।

पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘जैसी करनी वैसी भरनी।’’ उन्होंने कहा कि कानून से बड़ी कोई चीज नहीं है। लालू ने जैसा किया वैसा पाया। उल्लेखनीय है कि इस मामले में सजा की घोषणा तीन अक्टूबर को होगी।

बतां दें कि अविभाजित बिहार के बहुचॢचत चारा घोटाला मामले में चाइबासा राजकीय कोषागार से 37 करोड से अधिक की रकम गैरकानूनी तौर से निकालने के मामले में  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को विशेष अदालत ने आज  पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तथा जगन्नाथ मिश्र सहित मामले के सभी आरोपियों को दोषी करार दिया।

अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इन सभी दोषियों को 3 अक्टूबर को सजा सुनाएगी। इस मामले में दोषियों को अधिकतम सात वर्ष की सजा हो सकती है। यादव के लिए यह फैसला इसलिए अहम है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के कारण उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो सकती है। मिश्र फिलहाल संसद या विधानसभा के सदस्य नहीं ह। इन सभी दोषियों को अदालत से जेल ले जाया गया है।


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