केवल लालू प्रसाद को बचाना ही है अध्यादेश का मकसद: भाजपा
भाजपा के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने कहा, यदि अध्यादेश 30 सितंबर से पहले जारी नहीं किया गया और यदि उनके खिलाफ अध्यादेश नकारात्मक आया तो वह अपनी सदस्यता गंवा देंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या अध्यादेश लाने के पीछे मकसद लालू को बचाना था, नायडू ने कहा, निस्संदेह। उन्होंने कहा कि कांगे्रस अपने सांसद रशीद मसूद को भी बचाना चाहती है जिन्हें हाल में ही दोषी ठहराया गया है तथा पार्टी को अन्य के बारे में भी ऐसा ही फैसला आने की उम्मीद है।
राहुल गांधी द्वारा जनप्रतिनिधियों के बारे में लाये गये अध्यादेश को बकवास बताने और सरकार पर हमले के बारे में नायडू ने कहा कि कांगे्रस उपाध्यक्ष का असली मकसद प्रधानमंत्री को यह दिखाना था कि असली बास कौन है।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश कोई रातोंरात हुआ घटनाक्रम नहीं है। उसे कांगे्रस सरकार की अध्यक्षता वाले कोर ग्रुप ने मंजूरी दी थी तथा इसे कैबिनेट की मंजूरी मिली है। इसे पहले विधेयक के रूप में पेश किया गया था।
नायडू ने कहा कि राहुल ने अध्यादेश के खिलाफ बोलना इसलिए चुना क्योंकि सभी वर्गों से इसकी भत्र्सना हो रही थी तथा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसके मकसद पर सवाल उठाया था।
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