LIVE: चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल की जेल, 25 लाख रुपये का जुर्माना
रांची, 3 अक्टूबर 2013 | अपडेटेड: 14:45 IST
चारा घोटाले में आरजेडी अध्यक्ष और देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद
यादव को पांच साल की सजा सुनाई गई है. रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद
लालू ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विशेष सीबीआई अदालत का फैसला सुना.
फैसला सुनते हुए लालू काफी नाखुश दिखे. उन्होंने सजा पर विरोध जताया.
इसके साथ ही, रशीद मसूद के बाद लालू की संसद सदस्यता भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक खत्म हो जाएगी. अगर ऊंची अदालत से भी लालू को राहत नहीं मिलती तो आगामी 6 सालों तक वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.
लालू के अलावा घोटाले के दोषी जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा और जगन्नाथ मिश्रा को चार साल की सजा सुनाई गई है.बीएन शर्मा और केएम प्रसाद को पांच साल जेल और डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
वकील ने दी थी बतौर रेल मंत्री अच्छे काम की दलील
अदालत में लालू के वकील ने यह दलील देते हुए रहम की अपील की थी कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने अच्छा काम किया और देश के लिए काफी मुनाफा कमाया. वकील ने अदालत से यह भी कहा कि लालू 17 साल से मानसिक तनाव में रहे. उनकी उम्र भी काफी हो गई है और तबीयत भी ठीक नहीं रहती.
कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए लालू के वकील ने कहा, 'अपराधी को जेल में रखने का मकसद उसमें सुधार लाना होता है. लेकिन लालू के साथ अब वैसी कोई बात नहीं हैं. इसलिए उन्हें जेल में रखने का फायदा नहीं है.'
दोषियों को सबक देने वाली हो सजा: CBI वकील
इसी मामले में आरोपी नेता जगन्नाथ मिश्रा के वकील ने भी उनकी उम्र और सेहत का हवाला देते हुए कम सजा मांगी थी.
लेकिन सीबीआई के वकील बीएमपी सिंह ने दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की. उन्होंने कहा कि ऐसी सजा हो जिससे दोषियों को सबक मिले और समाज में कड़ा संदेश जाए. उन्होंने कोर्ट के सामने दलील दी कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं, व्यापक षडयंत्र का मामला है.
30 सितंबर को ही दोषी करार दिए गए थे लालू
17 साल पुराने चारा घोटाले में कुल 950 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी. इसमें लालू पर चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने का मामला था, जिसमें कोर्ट ने उन्हें 30 सितंबर को ही दोषी ठहरा दिया था. तभी साफ हो गया था कि लालू को कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा सात साल कैद की सजा सुनाई जा सकती है. दोषी करार दिए जाने के बाद से ही लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.
दशहरे की छुट्टियों से बढ़ेगी मुश्किल
लालू जाहिर तौर पर फैसले के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में जाएंगे. लेकिन उनकी मुश्किल यह है कि दशहरे के चलते कोर्ट में 5 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक छुट्टी है. इसलिए कोर्ट में अपील करने के लिए दशहरे की छुट्टियों से पहले उन्हें सिर्फ एक दिन का ही समय मिलेगा.
सजा सुनाए जाने के बाद भी लालू के वकीलों की ओर से एक दिन के समय के भीतर ही अपील दाखिल किए जाने की संभावना बहुत कम है और अगर अपील दाखिल भी की गई तो उस पर सुनवाई दशहरे की छुट्टियों से पहले संभव नहीं हो पाएगी.
इसके साथ ही, रशीद मसूद के बाद लालू की संसद सदस्यता भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक खत्म हो जाएगी. अगर ऊंची अदालत से भी लालू को राहत नहीं मिलती तो आगामी 6 सालों तक वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.
लालू के अलावा घोटाले के दोषी जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा और जगन्नाथ मिश्रा को चार साल की सजा सुनाई गई है.बीएन शर्मा और केएम प्रसाद को पांच साल जेल और डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
वकील ने दी थी बतौर रेल मंत्री अच्छे काम की दलील
अदालत में लालू के वकील ने यह दलील देते हुए रहम की अपील की थी कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने अच्छा काम किया और देश के लिए काफी मुनाफा कमाया. वकील ने अदालत से यह भी कहा कि लालू 17 साल से मानसिक तनाव में रहे. उनकी उम्र भी काफी हो गई है और तबीयत भी ठीक नहीं रहती.
कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए लालू के वकील ने कहा, 'अपराधी को जेल में रखने का मकसद उसमें सुधार लाना होता है. लेकिन लालू के साथ अब वैसी कोई बात नहीं हैं. इसलिए उन्हें जेल में रखने का फायदा नहीं है.'
दोषियों को सबक देने वाली हो सजा: CBI वकील
इसी मामले में आरोपी नेता जगन्नाथ मिश्रा के वकील ने भी उनकी उम्र और सेहत का हवाला देते हुए कम सजा मांगी थी.
लेकिन सीबीआई के वकील बीएमपी सिंह ने दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की. उन्होंने कहा कि ऐसी सजा हो जिससे दोषियों को सबक मिले और समाज में कड़ा संदेश जाए. उन्होंने कोर्ट के सामने दलील दी कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं, व्यापक षडयंत्र का मामला है.
30 सितंबर को ही दोषी करार दिए गए थे लालू
17 साल पुराने चारा घोटाले में कुल 950 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी. इसमें लालू पर चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने का मामला था, जिसमें कोर्ट ने उन्हें 30 सितंबर को ही दोषी ठहरा दिया था. तभी साफ हो गया था कि लालू को कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा सात साल कैद की सजा सुनाई जा सकती है. दोषी करार दिए जाने के बाद से ही लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.
दशहरे की छुट्टियों से बढ़ेगी मुश्किल
लालू जाहिर तौर पर फैसले के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में जाएंगे. लेकिन उनकी मुश्किल यह है कि दशहरे के चलते कोर्ट में 5 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक छुट्टी है. इसलिए कोर्ट में अपील करने के लिए दशहरे की छुट्टियों से पहले उन्हें सिर्फ एक दिन का ही समय मिलेगा.
सजा सुनाए जाने के बाद भी लालू के वकीलों की ओर से एक दिन के समय के भीतर ही अपील दाखिल किए जाने की संभावना बहुत कम है और अगर अपील दाखिल भी की गई तो उस पर सुनवाई दशहरे की छुट्टियों से पहले संभव नहीं हो पाएगी.
चारा घोटाले में लालू को पाँच साल की कैद
रांची की विशेष अदालत ने चारा
घोटाले के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पांच
साल की सज़ा सुनाई है. साथ ही अदालत ने 25 लाख का जुर्माना अदा करने को भी
कहा है.
इस घोटाले के अन्य दोषी पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ
मिश्र को चार साल की सज़ा के साथ-साथ दो लाख रुपये का जुर्माना देना होगा.
इसके अलावा जनता दल यूनाइटेड के सांसद जगदीश शर्मा पर चार साल और पांच लाख
रुपये का जुर्माना लगाया गया है.सज़ा सुनाने के बाद लालू ने कहा, "मुझे शक था कि मुझे यही सजा मिलेगी".
चारा घोटाला- सजा
लालू यादव, 5 साल, 25 लाख रुपए जुर्माना
जगन्नाथ मिश्रा, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
जगदीश शर्मा, 4 साल, 5 लाख रुपए जुर्माना
आर के राणा, 5 साल, 30 लाख रुपए जुर्माना
बैक जुलियस, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
फूलचंद्र सिंह, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
महेश प्रसाद, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
अधिकारी चंद्र, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
जगन्नाथ मिश्रा, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
जगदीश शर्मा, 4 साल, 5 लाख रुपए जुर्माना
आर के राणा, 5 साल, 30 लाख रुपए जुर्माना
बैक जुलियस, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
फूलचंद्र सिंह, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
महेश प्रसाद, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
अधिकारी चंद्र, 4 साल, 2 लाख रुपए जुर्माना
एक अन्य दोषी जगदीश शर्मा ने कहा, "मैं बेकसूर हूं. जब मैं पीएससी (लोकलेखा समिति) में था तो मैंने कुछ गलत नहीं किया."
रिटायर्ड आईएएस महेंद्र प्रसाद का कहना था, "मैंने अदालत को बहुत दस्तावेज़ दिए थे, लेकिन मेरा पक्ष किसी ने नहीं सुना."
महेंद्र प्रसाद के बारे में अदालत ने कहा, "आपने बहुत फर्जीवाड़ा किया है."
दोषी करार
इससे पहले 30 सितंबर को विशेष सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद समेत 44 अभियुक्तों को दोषी ठहराया था.इस मामले में 44 अन्य अभियुक्त भी थे और सभी को अदालत ने दोषी ठहराया था.
इस मामले में जज बदलने की लालू यादव की अर्ज़ी सुप्रीम कोर्ट ने 13 अगस्त को ख़ारिज कर दी थी.
लालू यादव ने अपनी याचिका में ट्रायल कोर्ट के जज पीके सिंह पर भेदभाव बरतने का आरोप लगाया था.
मामला
लालू प्रसाद और 44 अन्य लोगों को चाइबासा कोषागार से 90 के दशक में 37.7 करोड़ रुपए निकालने के मामले में अभियुक्त बनाया गया था.चाइबासा तब अविभाजित बिहार का हिस्सा था. चारा घोटाले में विशेष अदालतें 53 में से 44 मामलों में पहले ही फ़ैसले सुना चुकी हैं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, आरके राणा और ध्रुव भगत भी इस मामले में दोषी ठहराया गया है.
राणा और भगत को मई में एक केस में पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है. चाइबासा कोषागार से कथित फ़र्ज़ी बिल देकर 37.7 करोड़ रुपए निकालने का ये मामला जब सामने आया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ध्रुव भगत और जगदीश शर्मा की सदस्यता वाली विधानसभा समिति से इसकी जांच कराने के आदेश दिए थे.
इस मामले में शिवानंद तिवारी, सरयू रॉय, राजीव रंजन सिंह और रविशंकर प्रसाद ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. पटना हाईकोर्ट ने 11 मार्च 1996 को 950 करोड़ रुपए के कथित चारा घोटाले के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था.
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