Tuesday, 1 October 2013

सीबीआई निदेशक ने लिखा, लालू को बचाने के लिए प्रधानमंत्री का दबाव था

सीबीआई निदेशक ने लिखा, लालू को बचाने के लिए प्रधानमंत्री का दबाव था




रसूखदारों के घोटाले में शामिल होने की वजह से जांच प्रभावित करने की कई कोशिशें हुईं। उस समय केंद्र में मिलीजुली सरकार थी। एचडी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री थे। बाद में इंद्र कुमार गुजराल पीएम बने। लालू की पार्टी उन्हें समर्थन दे रही थी। तत्कालीन सीबीआई निदेशक जोगिंदर सिंह ने अपनी पुस्तक में यह लिखा भी है कि लालू प्रसाद को बचाने के लिए उनपर प्रधानमंत्री का दबाव था।
विश्वास को मिल रही थीं धमकियां
30 जून 1997 को विश्वास ने पटना हाईकोर्ट में कहा था, 'हमारे अफसरों को हत्या की धमकियां मिल रही हैं, इसलिए राजनीतिक आरोपियों को गिरफ्तार करना संभव नहीं हो पा रहा।Ó वे बुलेटप्रूफ गाड़ी में चलते थे।
बदल दी थी रिपोर्ट 
एक बार सीबीआई के जूनियर अफसरों ने स्टेटस रिपोर्ट को बदल दिया था। विश्वास ने जब बताया तो हाईकोर्ट ने उन्हें सील बंद रिपोर्ट सीधे कोर्ट में दाखिल करने को कहा।
गवाहों की हत्या भी हुई
गढ़वा जिले में तैनात पशुपालन विभाग के एक डॉक्टर की जब हत्या हुई तो उसकी पत्नी ने आरोप लगाया कि किसी खास फाइल को लेकर एक अन्य अफसर से उनके पति की बकझक हुई थी। वे काफी तनाव में रहते थे। संभव है कि हत्या के पीछे यही कारण हो।  सुनवाई शुरू हुई तो कुछ आरोपितों और गवाहों की संदिग्ध मौतें हुईं। अखबारों में शंका जाहिर की जाती रही कि इन हत्याओं के पीछे घोटालेबाज हो सकते हैं।
जांच का टर्निंग प्वाइंट
61 बक्से फर्जी आवंटन पत्र बरामद
जांच के दौरान सीबीआई को पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल रहे थे। घोटालबाजों ने ट्रेजरी से घोटाले से जुड़े कागजात की कार्बन कॉपी तक गायब कर दी थी। अगस्त 1996 में एक सप्लायर ने बताया कि रांची के कांके प्रखंड स्थित लाइव स्टॉक रिसर्च सेंटर में कुछ कागजात रखे गए हैं। सीबीआई के अफसरों ने वहां छापा मारकर 61 बक्सा डाक्यूमेंट जब्त किए। इसमें फर्जी आवंटन पत्र, आदेश की प्रति और बिल आदि थे। यह बरामदगी जांच का बड़ा आधार बनी। फिर जांच आगे बढ़ी।


रोचक तथ्य
सवा करोड़ में ममता कुलकर्णी का डांस
घोटालेबाजों ने 1995 में पटना के एक गुप्त स्थान पर फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को नचवाया। सीबीआई ने मुंबई जाकर इस संबंध में ममता से पूछताछ भी की। एक अपुष्ट सूचना के अनुसार इस कार्यक्रम पर करीब सवा करोड़ रुपए घोटालेबाजों ने लुटाए।
फिल्मों में भी लगाया पैसा
पशुपालन विभाग के तत्कालीन सहायक निदेशक (प्लानिंग) डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद सहित अन्य आरोपियों ने मुंबई में उन दिनों कुछ फिल्मों में भी पैसे लगाए थे। जब छापा पड़ा तो, 60 लाख रुपए फिल्म में लगाने के कागजी सबूत मिले थे।


177 किलो सोना खरीदा
डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद ने 85 किलोग्राम सोना खरीदा था। इसी प्रकार विभाग के संयुक्त क्षेत्रीय निदेशक डॉ. श्याम बिहारी सिन्हा (अब मृत) ने 32 किलोग्राम, आपूर्तिकर्ता दयानंद प्रसाद कश्यप और त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ने 30-30 किलोग्राम सोना खरीदा।

179 साल की सजा एक अभियुक्त को
चारा घोटाला में प्रमोद कुमार जायसवाल को कोर्ट ने कुल 179 साल की सजा सुनाई थी। इनकी मौत हो चुकी है। उन्हें 32 मामलों में नामजद अभियुक्त बनाया गया था। जायसवाल ने कोर्ट में आवेदन देकर खुद अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था।

टेंपो-मोपेड से ढोई गईं गायें और भैंसें
घोटालेबाजों के हैरतअंगेज कारनामों में था टेंपो-मोपेड से गाय-भैंस ढोना। लखनऊ से कई भैंसें मोपेड से रांची लाई गईं। दरअसल ट्रेजरी से पैसा निकालने के लिए ट्रांसपोर्टेशन फाइल में जिन गाडिय़ों के नंबर डाले गए, जांच में वह टेंपो और मोपेड के निकले।

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