इस बार नौ दिन ही रहेंगे नवरात्र
Updated on: Tue, 01 Oct 2013 04:54 PM (IST)डॉ. पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री व पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में सूर्योदय के साथ आने वाली तिथि में ही पर्व पूजन किया जाना श्रेष्ठ माना है। 13 अक्टूबर को विजय दशमी का त्योहार घोषित है, सरकारी छुट्टी भी इसी दिन दर्शाई है। इस दिन दशमी तिथि दोपहर बाद करीब एक बजकर 18 मिनट से आ रही है और अगले दिन यानि 14 अक्टूबर को दोपहर बाद तक व्याप्त रहेगी। इसलिए, दशहरा पर होने वाले अपराजित पूजन 14 अक्टूबर को करना ही उचित रहेगा।
वहीं उन्होंने बताया कि विजय दशमी को दो तरह से मनाने की परंपरा है। एक रावण का पुतला दहन शाम को और दूसरा अपराजित पूजन जो कि सुबह के समय होता है। चूंकि, 13 अक्टूबर को दशमी तिथि दोपहर बाद आ रही है तो इसके लिए रावण का पुतला दहन तो 13 को किया जा सकता है, लेकिन अपराजित पूजन 14 अक्टूबर को ही रहेगा।
13 अक्टूबर को दोपहर बाद से आ रही है दशमी तिथि-
डॉ. पंडित शक्तिधर शर्मा शास्त्री ने बताया कि कुछ पंचांगों में नवरात्र में नवमी तिथि को दो दिन दर्शाया है। काल गणना के अनुसार ऐसा नहीं है। चार अक्टूबर को पितृ विसर्जनी अमावस्या के अगले दिन पांच अक्टूबर को प्रतिपदा से नवरात्र प्रारंभ होंगे और 13 अक्टूबर को दोपहर तक नवमी रहेगी। इस दिन नवरात्रों का समापन होगा। दशहरा के दिन देवी की प्रतिमाओं को विसर्जित किया जा सकता है।
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