अमरीकी कामकाज ठप: गुप्तचर सेवा बंद ,कर्चारियों को छुट्टी,अमरीका को 'घातक नुकसान', 'शत्रुओं का सपना सच'
गुरुवार, 3 अक्तूबर, 2013 को 06:44 IST तक के समाचार
अमरीकी गुप्तचर सेवाओं के
अधिकारियों ने कहा है कि कामकाज बंद होने के कारण अमरीका की रक्षा करने की
उनकी क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचा है.
नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर ने एक
संसदीय समिति को बताया कि 70 फ़ीसदी गुप्तचर सेवा कर्मचारियों को छुट्टी पर
भेज दिया गया है.अमरीकी सरकार ने मंगलवार को सभी "गैर ज़रूरी" कर्चारियों को छुट्टी पर भेज दिया. ऐसा अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार और विपक्ष में मौजूद रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों के बजट पर विरोध के कारण हुआ है.
बुधवार को अमरीकी संसद के ऊपरी सदन एक संसदीय समिति के सामने उन्होंने कहा कि सरकार के कामकाज ठप होने की वजह से अमरीकी गुप्तचर क्षमताओं पर "घातक" प्रभाव पड़ेगा.
'शत्रुओं का सपना सच'
क्लैपर ने जोर दे कर कहा के यह केवल वॉशिंगटन का राजनीतिक मसला भर नहीं है बल्कि "इसकी वजह से हमारी अमरीकी सेनाओं, कूटनीतिज्ञों और नीति निर्माताओं की मदद करने की ताकत भी प्रभावित होती है. और इस तरह के हालात में हर बीतते दिन के साथ यह ख़तरा बढ़ रहा है."क्लैपर ने सांसदों को आगाह करते हुए कहा कि कर्मचारियों को वेतन ना देना, जबरन छुट्टी पर भेजना उन्हें आर्थिक दिक्कतों में डालता है और यह विदेशी गुप्तचर संस्थाओं के लिए बेहद मुफ़ीद है.
अमरीका की तकनीकी गुप्तचर संस्था के निदेशक जनरल कीथ एलेक्जैंडर ने कहा की उनकी संस्था ने हजारों गणितज्ञों और कंप्यूटर विशेषज्ञों को छुट्टी पर भेज दिया है जिसका उन्हें वेतन नहीं मिलेगा.
जनरल कीथ एलेक्जैंडर ने कहा कि "हमरे देश को इस तरह के लोगों की ज़रूरत है और उन्हें यह कहना कि वो घर चलें जाएँ क्योंकि उन्हें वेतन नहीं दिया जा सकता ठीक नहीं है."
अमरीका में संघीय सरकार का कामकाज ठप पड़ने के वजह से सात लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को घर बैठा दिया गया है. कई सरकार दफ्तर, राष्ट्रीय स्मारक और सेवाएँ बंद हो गईं हैं.
ओबामा के तीखे तेवर
इस बीच अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का स्वर सरकार का कामकाज ठप हो जाने के बावजूद नरम नहीं हो रहा है. एक बार फिर उन्होंने नए स्वास्थ्य कानून का विरोध कर रहे रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों को आड़े हाथों लिया है .ओबामा ने एक बयान में कहा "ये लोग 40 बार मतदान कर चुके हैं ... 40 बार. एक ऐसा कानून, जिसे संसद ने पास किया मैंने उस पर हस्ताक्षर किए सुप्रीम कोर्ट ने उसे सही करार दिया. मैं एक दम तंग आ चुका हूँ. मैं दो करोड़ लोगों से क्या कहूं कि आप स्वास्थ्य सेवाओं को नहीं ले सकते क्योंकि यहाँ लोग सरकार को काम नहीं करने दे रहे हैं .
इस बीच अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी देश के मौजूदा सूरत-ए-हाल को देखते हुए अगले सप्ताह अपना क्लिक करें चार एशियाई मुल्कों का दौरा छोटा करने की घोषणा की है.
ओबामा इंडोनेशिया और ब्रुनई में क्षेत्रीय शिखर सम्मेलनों में भाग लेंगे लेकिन मलेशिया और फ़िलिपीन्स नहीं जाएंगे.
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