Wednesday 2 October 2013

चीनी विद्रोही नेता चेन अमेरीकी-विदरस्पून में जाएंगे,नजरबंदी से फ़रार हो कर बीजिंग में अमेरीकी दूतावास में शरण

चीनी विद्रोही नेता चेन अमेरीकी-विदरस्पून में जाएंगे,नजरबंदी से फ़रार हो कर बीजिंग में अमेरीकी दूतावास में शरण

 गुरुवार, 3 अक्तूबर, 2013 को 02:32 IST तक के समाचार

चीन के नेत्रहीन विद्रोही नेता चेन गुआंगचेंग
चीन के नेत्रहीन विद्रोही नेता चेन ग्वांगचेंग अमेरीकी विचारक संस्था विदरस्पून इंस्टीट्यूट में प्रमुख फैलो के तौर पर शामिल में होंगे.
रिपोर्ट के अनुसार संस्था उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. जाने माने कार्यकर्ता चेन वर्ष 2012 के मध्य से इस वर्ष के शुरू तक न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी के फ़ैलो रह चुके है.
इससे पहले चेन ने पिछले वर्ष नजरबंदी से फ़रार हो कर बीजिंग में अमेरीकी दूतावास में शरण लेकर राजनयिक हलचल मचा दी थी.
बाद में उन्हें अमेरीका जाने की अनुमति दे दी गई थी.

वित्तीय मदद

"हम उन्हें वित्तीय मदद और एक घर देने की जिम्मेदारी लेते हैं, जहां से वह अपना काम कर सकें."
लुइस टेलेज, विदरस्पून इंस्टीट्यूट
जबकि विदरस्पून इंस्टीट्यूट अपने आपको एक स्वतंत्र शोध संस्था कहलाता रहा है, जो स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज की नैतिक संस्थाओं के बीच सार्वजनिक मेलजोल बढ़ाने के लिए काम करता है.
इंस्टीट्यूट का यह भी कहना है कि वह उदारवादी शिक्षा और रिपब्लिकन सरकार के प्रति समर्पित है. जबकि यह गर्भपात और समलैंगिक विवाह के खिलाफ है.
इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष लुइस टेलेज ने कहा कि हम उन्हें वित्तीय मदद और एक घर देने की जिम्मेदारी लेते हैं, जहां से वह अपना काम कर सकें.
उन्होंने कहा कि चेन इंस्टीट्यूट के मानवाधिकार विभाग में प्रमुख फैलो के तौर पर काम करेंगे. इसके साथ ही वह कैथोलिक यूनीवर्सिटी ऑफ अमेरीका और लेनटोस फाइंडेशन फॉर ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस से सम्बद्ध भी होंगे.

चेन का आरोप

जबकि इससे पहले चेन ने पिछले जून महीने में कहा था कि बीजिंग के लगातार दबाव की वजह से उन्हें न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी छोड़नी पड़ रही है.
"बीजिंग के लगातार दबाव की वजह से उन्हें न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी छोड़नी पड़ रही है"
चेन गुआंगचेंग
दूसरी ओर, यूनीवर्सिटी ने ऐसी किसी संभावना से साफ़ इनकार किया. यूनीवर्सिटी का कहना है कि चूंकि चेन की फ़ैलोशिप खत्म होने जा रही है.
चेन और उनके परिवार की अमेरीका में स्थाई रूप से व्यवस्था करने के लिए यह मदद की जा रही है.
चेन 2012 के मध्य में अमेरीका आए थे. चेन ने अपने देश चीन की एकमात्र बच्चे की नीति के तहत जबरन गर्भपात कराने के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था.
जिसके चलते यातायात बाधित करने और संपित्त को नुकसान पहुंचाने के आरोप में उन्हें 2006 में चार साल के लिए जेल भेज दिया गया.
जबकि वर्ष 2010 में उन्हें जेल से रिहा करने के बाद उनके अप्रैल 2012 में फ़रार होने से पहले तक नजरबंद कर दिया गया.

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