जब 'जूनियर' जज के सामने गिड़गिड़ाए लालू
मैं दो बार बिहार का मुख्यमंत्री और केंद्रीय रेल मंत्री रहा हूं। कृपया हमें कम सजा देने पर विचार करें।
- लालू प्रसाद यादव
चारा
घोटाले में फंसे लालू प्रसाद यादव जिंदगी भर अपने चुटीले बयानों और
खुशमिजाजी के लिए जाने जाते रहे हैं। लेकिन सोमवार को वह अंदाज काफुर दिखा।
जिस अदालत में खड़े हुए वह सजा सुनने का इंतजार कर रहे थे, वहां न मजाकिया अंदाज नजर आया और न लालू का पुराना फॉर्म।
रांची
की विशेष सीबीआई अदालत में लालू नरमी बरतने की गुहार लगाते दिखे और संयोग
देखिए, जिस जज से वह आग्रह कर रहे थे, वह उन्हीं के कॉलेज के जूनियर रहे
हैं।
विशेष सीबीआई जज पी के सिंह की अदालत में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो को जैसे ही दोषी ठहराया गया, लालू का चेहरा फीका पड़ गया।
लालू ने जज से कहा, "मैं दो बार बिहार का मुख्यमंत्री और केंद्रीय रेल मंत्री रहा हूं। कृपया हमें कम सजा देने पर विचार करें।"
अदालत परिसर के बाहर लालू के समर्थक खड़े हुए यह उम्मीद बांध रहे थे कि भीतर उनका नेता एक बार फिर धमाकेदार वापसी करेगा।
लेकिन अदालत के अंदर आरजेडी प्रमुख का पुराना जलवा गायब था। वह बेहद विनम्र अंदाज में खड़े थे और जज से राहत की उम्मीद बांध रहे थे।
बिहार
के पूर्व मुख्यमंत्री को शायद अहसास था कि जो जज उन्हें सजा सुनाने जा रहे
हैं, उनके साथ उनका पुराना नाता रहा है। दरअसल, जज और लालू, दोनों पटना लॉ
कॉलेज से पढ़े हैं। जज, लालू के कॉलेज के जूनियर हैं।
साल
की शुरुआत में 14 फरवरी को इसी मामले की सुनवाई के दौरान लालू ने यही बात
जज को याद दिलाई थी। जज 3 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू को
सजा सुनाएंगे।
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