मोदी ने कहा, 'शहजादे ने पीएम की पगड़ी उछाली'
भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली में कांग्रेस को चुनावी रैली में ललकारने के लिए अपने समर्थकों के बीच पहुंचे।
नरेंद्र
मोदी ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि दिल्ली सरकारों से दब गई
है। दिल्ली में एक राज्य सरकार है, एक मां की सरकार है, एक बेटे की सरकार
है, एक दामाद की सरकार है।
इतना
ही नहीं, गठबंधन की भी सरकार है। हर दल की अपनी एक सरकार है। हर विभाग
एक सरकार बन गया है। जो गठबंधन के सरदार हैं वो असरदार नहीं हैं।
रिबन काटने के अलावा कोई काम नहीं
उन्होंने
कहा कि सारे देश में दिल्ली की सीएम एक ऐसी हैं, जिनको रिबन काटने के
अलावा कोई काम नहीं है। बच्चियों के साथ रेप जैसी घटनाएं होती है तो वे
बयान देती हैं कि वह भी मां हैं। वह पीड़ा समझती हैं। फिर बेटियों को सलाह
देती हैं कि रात होने से पहले घर लौट आओ।
उन्होंने
शीला दीक्षित पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि इन घटनाओं के लिए उनकी कोई
जिम्मेदारी नहीं है। कुछ भी होता है तो वह ऊपर या नीचे के लोगों पर आरोप
मढ़ देती हैं।
भ्रष्टाचार
से सब त्रस्त हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में इतना बड़ा घोटाला हुआ। इस घोटाले
ने देश की इज्ज्त को लूट लिया है। देश के स्पोर्ट स्पीरिट को लूट लिया है।
यह डाका देश के 20 साल के भाग्य पर ताला लगा दिया। अगर यह सफल हो जाता तो
शीला दीक्षित पीठ थपथपवाने और तस्वीर खींचवाने आगे आ जातीं।
'पीएम गरीबी की मार्केटिंग कर रहे'
कांग्रेस
और उसके साथी दलों को भ्रष्टाचार की ऐसी लत लग गई है जैसे किसी इंसान को
शराब की लत। यूपीए सरकार गांधी की भक्ति में डूबा हुआ है।बड़े-बड़े नोटों पर उनकी नजर है। सब लूट रहे हैं।
उन्होंने
कहा कि देश में सुराज नहीं है। हम तेजी से पिछड़ रहे हैं। युवा बेरोजगार
हैं। हर ओर अंधकार छाया हुआ है। किसी को बिजली मुहैया नहीं है।
फाइलें
पास कराने के लिए पैसे लिए जाते हैं। सरकार के पास कोई विजन नहीं है।
यूपीए सरकार अगर कुछ भी प्रदर्शन दिखाती है, वह राज्यों के पास जो विभाग
हैं उनके प्रदर्शन को दिखाकर अपना पीठ थपथपाती है।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार, डूब मरो, डूब मरो। देश के लिए राजमार्ग तक नहीं दे पा रहे। सड़के नहीं बना पा रहे।
नरेंद्र
मोदी ने कहा कि हमारे देश के पीएम ओबामा के सामने गिड़गिड़ाते हैं। कहते
हैं कि वह गरीब देश आए हैं। हमारा देश गरीब है। आप दुनिया में जाकर हमारे
देश की गरीबी की मार्केंटिंग कर आए। माथा शर्म से झुक जाता है। आप कहते कि
हिंदुस्तान वह देश है, जहां 65 फीसदी जनसंख्या युवा है।
'शहजादे' ने पीएम की पगड़ी उछाली
गुजरात
के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने देश की
जनता से सवाल किया कि क्या आप लोग शहजादे की कही बातों के अनुसार चलना
चाहते हैं या फिर संविधान के अनुसार। देश के पीएम कहते हैं कि शहजादे के
अंडर काम करने को तैयार हैं। यह तो पीएम पद की गरिमा को गिराने वाली बात
है। शहजादे ने पीएम की पगड़ी उछाल दी है।
विश्वास नहीं टूटने देंगे
उन्होंने कहा कि 2014 में देश को एक ड्रीम टीम चाहिए, डर्टी टीम नहीं चाहिए। हम आपके सहयोग से 2014 में ड्रीम टीम लेकर आएंगे।
उन्होंने
कहा कि देश जब 75 साल का होगा तो सबको रोटी मिलेगा, घर मिलेगा। सबको
सुरक्षा मिलेगी, किसान खुशहाल होगा। जब सवा करोड़ लोग सपना देखेंगे तो वह
जरूर पूरा होगा।
उन्होंने
कहा कि वह नाथ नहीं, दास हैं। वह दास बनकर देशवासियों की सेवा करेंगे। आप
बीते हुए कल को भूल जाइए और आज के विकास को देखकर हमारा साथ दीजिए। हमारा
वादा है कि आपके विकास के लिए, देश की उन्नति के लिए खुद को खपा देंगे।
आपका विश्वास नहीं टूटने देंगे। भाजपा 'सबका साथ सबका विकास' का मंत्र लेकर आगे बढ़ रही है।
पार्टी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश को फिर से सोने की चिड़िया बनाएंगे।
मोदी के सहारे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी भाजपा ने इस रैली के लिए हाईटेक तैयारियां की थी।
दिल्ली में नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए मोदी की यह पहली चुनावी रैली है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गुजरात के सीएम के जन्मदिन पर 17 सितंबर को चुनावी बिगुल बजा चुके हैं।
हालांकि योजना थी कि मोदी ही इस रैली में चुनावी बिगुल बजाएं, लेकिन पितृपक्ष के चलते चुनाव अभियान की शुरुआत पहले ही कर दी गई।
रैली में प्रदेश प्रभारी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को छोड़ बाकी राष्ट्रीय नेतृत्व मसलन, प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज और दिल्ली से राजनीति शुरू करने वाले अरुण जेटली को अलग रखा गया।
पार्टी का मानना है कि मोदी के मंच पर रहने पर जनता बाकी नेताओं को सुनना पसंद नहीं कर रही है। इसलिए लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, सुषमा और जेटली के लिए अलग से रैली होगी।
हर दो मिनट में मेट्रो
रैली के चलते दिलशाद गार्डन से रिठाला रूट पर मेट्रो के फेरे बढ़ाने के साथ ही फीडर बसें भी बढ़ाई जाएंगी। डीएमआरसी प्रवक्ता के अनुसार, मेट्रो की फ्रीक्वेंसी दो से तीन मिनट की होगी, जो शाम तक जारी रहेगी। सामान्य दिनों में इस रूट पर फ्रीक्वेंसी 4 से 5 मिनट की होती है।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
रैली की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और आरपीएफ के तीन हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। पार्क में मोदी की सुरक्षा के लिए गुजरात पुलिस के अलावा एनएसजी के कमांडो भी तैनात होंगे।
रूट डायवर्ट
दिल्ली-एनसीआर सहित अन्य राज्यों से हजारों लोगों के आने की संभावना है। इसके मद्देनजर ट्रैफिक पुलिस ने व्यावसायिक वाहनों के लिए कुछ स्थानों पर डायवर्जन करने के साथ एनसीआर के शहरों से रैली में आने वाले वाहनों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
देश को डर्टी टीम नहीं ड्रीम टीम चाहिए: मोदी
रविवार, 29 सितंबर, 2013 को 14:45 IST तक के समाचार
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र
मोदी ने आज दिल्ली में अपनी रैली के दौरान गांधी, दिल्ली की कांग्रेस सरकार
और केंद्र की यूपीए सरकार पर जमकर कटाक्ष किए.
एक घंटे चले इस भाषण में मोदी ने प्रधानमंत्री को भी कटघरे में लिया और देश की सरकार बदलने की मांग की.मोदी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यूपीए सरकार उन्हीं विभागों में अच्छा कर रही है जो राज्यों के हवाले हैं और राज्यों के विकास का जोड़ लगाकर वह ख़ुद वाहवाही लूटती है.
पीएम पर निशाना
मोदी का आरोप था कि यूपीए सरकार की प्राथमिकताएं ग़रीब विरोधी हैं.उन्होंने उड्डयन मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा, ‘एविएशन में सरकार ने 31 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया है.’
उनका कहना था, ‘अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा के सामने 125 करोड़ के देश के प्रधानमंत्री गिड़गिड़ाते हैं और कहते हैं कि मैं ग़रीब देश का प्रधानमंत्री हूं.’
मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की ओर से कुछ पत्रकारों के सामने भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कथित तौर पर "देहाती औरत" कहने का आरोप लगाया. मोदी का कहना था कि पत्रकारों से अपेक्षा थी कि वो नवाज़ शरीफ़ के सत्कार को ठुकरा कर चल देते. उनका कहना था, "हमारे राजनीतिक विरोध हैं, वैचारिक विरोध हैं. हम लड़ेंगे घर में, पर दुनिया के किसी देश को हमारे देश पर उंगली उठाने का अधिकार नहीं."
मोदी का आरोप था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उनकी ही पार्टी में इज़्ज़त नहीं रह गई है.
उन्होंने कहा, "आज देश में परिवारशाही और लोकशाही के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया है. परिवारशाही लोकशाही का गला घोंटने पर उतारू है. अब देश की जनता को फ़ैसला करना है कि यह देश संविधान के अनुसार चलेगा या शहज़ादे की इच्छा के अनुसार चलेगा. शहज़ादे की बीन पर चलेगा."
'ड्रीम टीम चाहिए'
मोदी ने प्रधानमंत्री से मांग की कि वो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से मुलाक़ात के दौरान सीमा पर भारतीय सैनिकों की हत्या, पाकिस्तानी कश्मीर के भारत में विलय और आतंकवाद के मुद्दों को उठाएं.
मोदी ने यह भी कहा कि कुछ साल बाद देश की आज़ादी की 75वीं सालगिरह मनाई जाएगी. उन्होंने लोगों से पूछा, ‘हमें तय करना है कि हम देश को अमृत महोत्सव तक पहुंचते-पहुंचते कहां से कहां तक ले जाना चाहते हैं.’
रैली में आए लोगों का आभार जताते हुए मोदी ने ख़ुद के बारे में कहा, ‘बचपन में जो इंसान रेल के डिब्बे में चाय बेचकर गुज़ारा करता था, ऐसे ग़रीब परिवार के बच्चे को आज आपने यहां बिठा दिया है. मैं मन से न कभी शासक था, न शासक हूं और न शासक बनने के सपने देखता हूं.’
'मां-बेटे-दामाद की सरकार'
उन्होंने कांग्रेस को लक्ष्य कर यह भी कहा, ''अकेले दिल्ली में कई सरकारें हैं. एक मां की सरकार है, एक बेटे की नई सरकार है, एक दामाद की सरकार है.''कॉमनवेल्थ खेलों में कथित घोटाले को लेकर उनका कहना था, ‘हमें अच्छा अवसर मिला था, जिसे हमने गंवा दिया. यह डाका तिजोरी पर ही नहीं, उन्होंने हिंदुस्तान के भाग्य पर ताला लगा दिया है.’
मोदी के भाषण में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी निशाने पर रहीं. उनका आरोप था कि ‘दिल्ली की मुख्यमंत्री के पास रिबन काटने के सिवा कोई काम नहीं है. यह शायद अकेली मुख्यमंत्री हैं, जो हर गड़बड़ी की ज़िम्मेदारी दूसरों पर डाल देती हैं.''
मोदी की दिल्ली में यह पहली रैली थी. रैली के दौरान हज़ारों लोग पहुंचे.
रैली को पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, नवजोत सिंह सिद्धू और स्थानीय नेताओं ने भी संबोधित किया.
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