मुजफ्फरनगर दंगा: थम नहीं रही हिंसा, अब तक मरे 41
आलोचनाओं से घिरी राज्य सरकार ने पहली बार कड़ा कदम उठाते हुए कमिश्नर, डीआईजी और एसएसपी को हटा दिया है। साथ ही फुगाना इंस्पेक्टर को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 286 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि चार विधायकों समेत 40 नेताओं के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है।
उधर, केंद्र सरकार ने खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार 11 राज्यों को अतिरिक्त रूप से सजग रहने को कहा है। हालांकि गृह मंत्री ने अखिलेश का बचाव करते हुए यह जरूर कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सपा सरकार ने चेतावनी को नजरअंदाज किया है।
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी स्थिति सामान्य होने के बाद घटना की जांच करने की बात कही है। सोमवार को दंगाइयों ने मुजफ्फरनगर में आठ, शामली में एक और बागपत में चार लोगों की हत्या कर दी।
अलग-अलग स्थानों में धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने के अलावा कई घरों को भी आग के हवाले कर दिया गया। देर शाम रतनपुरी क्षेत्र में दो भाइयों की हत्या कर दी गई।
मीरापुर के पड़ाव चौक पर उन्मादी युवकों ने मेरठ के सनोटा और परीक्षितगढ़ के एक-एक व्यक्ति का गला रेत डाला। इनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरे का उपचार चल रहा है।
तितावी क्षेत्र के मुकंदपुर में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई जबकि उसका भतीजा गंभीर रूप से घायल हो गया। तितावी क्षेत्र के धौलरा में भी एक युवक को चाकुओं से गोदकर फेंक दिया गया। बुढ़ाना के जौला नहर से एक लाश बरामद हुई है। इन दोनों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।
मंसूरपुर थाना क्षेत्र के जौहरा गांव में एक व्यक्ति की गर्दन काटकर हत्या की गई है। शाहपुर के कुटबा-कुटबी में एक लाश बरामद हुई है। प्रशासन ने यहां से अब तक 104 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
उधर, शामली जिले में बाबरी गांव के कुरमाली गांव में एक धर्मगुरु की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बागपत में सोमवार को अलग-अलग स्थानों पर लाशें मिलने से सनसनी फैल गई।
दोघट कस्बे में खुर्शेद के 14 साल के बेटे इंतजार की उस समय गला काटकर हत्या कर दी गई, जब वह खेत से अकेला घर लौट रहा था। पुलिस ने इस घटना को सांप्रदायिक मानने से इंकार किया है।
काठा गांव में युवक की हत्या कर चेहरा बुरी तरह जला दिया गया, उसकी भी शिनाख्त नहीं हो पाई। बड़ौत के पास नहर में अज्ञात शव मिला है। इसके अलावा एक महिला का भी शव मिला है।
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