Monday, 9 September 2013

दंगों के पीछे सपा और बीजेपी, दोनों कर रहे हैं राजनीतिः मायावती

दंगों के पीछे सपा और बीजेपी, दोनों कर रहे हैं राजनीतिः मायावती

नई दिल्ली, 9 सितम्बर 2013 | अपडेटेड: 17:21 IST

बसपा सुप्रीमो मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मुजफ्फरनगर की सांप्रदायिक हिंसा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही बीजेपी पर धार्मिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है. मायावती ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर अखिलेश सरकार को बर्खास्त किया जाए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो. मायावती ने कहा, 'बीएसपी की सरकार में सांप्रदायिक दंगे और तनाव नहीं हुए. यूपी में भययुक्त माहौल होने के बावजूद राज्य के लोग पूरी शांति के साथ जी रहे थे. पर अब सांप्रदायिक दंगों व तनावों की भारी मुसीबत ने यूपी की जनता के लिए जीना मुश्किल कर दिया है.
मुजफ्फरनगर हिंसा के लिए सपा पूरी तरह से जिम्मेदार
मायावती ने कहा, 'यूपी में जब से सपा की सरकार बनी है तब से लेकर अब तक हर स्तर पर कानून व्यवस्था काफी ज्यादा बिगड़ी है. अब एक लड़की से छेड़छाड़ के मामले को लेकर पिछले कई दिनों से मुजफ्फरनगर जिले और उसके आस पास के इलाकों में हुए दंगों ने राज्य में अमन-चैन और धार्मिक सौहार्द के माहौल को बिगाड़ दिया है. इसके लिए सही मायने में सपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. 27 अगस्त को छेड़छाड़ की वारदात हुई थी पर सरकार ने कुछ नहीं किया. सपा सरकार चाहती तो स्थिति को तभी नियंत्रित किया जा सकता था. पर ये सरकार तब जागी जब स्थिति काफी ज्यादा गंभीर और बेकाबू हो गई , जिसकी वजह से कई लोगों की जान तक चली गई और अंत में सेना को मोर्चा संभालना पड़ा.'
राज्य में लागू हो राष्ट्रपति शासन
मायावती ने कहा, 'इस घटना से पहले भी प्रदेश में अब तक 100 से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे या तनाव हो चुके हैं, पर मुजफ्फरनगर की हिंसा ने प्रदेश की चिंता को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है क्योंकि सेना के लगने के बावजूद स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है. यूपी की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. राज्य में जंगलराज की स्थिति है. वर्तमान के दंगों के बाद यह साबित हो गया है कि यूपी में अव्यवस्था का माहौल है. राज्य में गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है. ऐसे में तुरंत ही सपा सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की आवश्यकता है. और अगर ऐसा नहीं होता तो यूपी की जनता राज्य सरकार के साथ, राज्यपाल और केंद्र सरकार को भी कभी माफ नहीं करेगी.'
दंगों में एसपी और बीजेपी की मिली भगत
दंगों में बीजेपी के हाथ होने के सवाल पर मायावती ने कहा, 'मैं इस बात पर सपा से सहमत नहीं हूं. यह घटना पिछले महीने की है. यदि सरकार चाहती तो मामले पर नियंत्रण किया जा सकता था. पर अपनी इस कमजोरी का ठीकरा दूसरे के सिर फोड़ना गलत है. लेकिन यह भी है कि अभी जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश हो रहा है या फिर इससे पहले राज्य के अन्य इलाकों में जिस तरह से सांप्रदायिक हिंसाएं हुईं. मुझे काफी हद तक सपा और बीजेपी की मिलीभगत नजर आ रही है. क्योंकि सपा के साथ-साथ बीजेपी को भी इस बात का एहसास है कि यूपी में उनकी स्थिति ठीक नहीं है. खास तौर से कानून-व्यवस्था के मसले पर सपा सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है. वहीं, लोकसभा चुनाव भी बहुत नजदीक हैं. दोनों पार्टियां इन चुनावों को तनावपूर्व सांप्रदायिक माहौल में लड़ना चाहती है. क्योंकि इस घटना से पहले भी कई और ऐसी वारदातें हुईं जिसे धार्मिक रंग देने की कोशिश हुई है. वीएचपी की 84 कोसी परिक्रिमा यात्रा को ही ले लीजिए. इसे बीजेपी का समर्थन प्राप्त था. पहले सपा ने इस यात्रा का मंजूरी दे दी थी. वीएचपी ने भी यही दावा किया. लेकिन जब इसे लेकर माहौल गरमाया तो सरकार को पीछे हटना पड़ा.

No comments:

Post a Comment