माहौल बिगाड़ने के लिए अमित शाह को भेजा गया यूपीः रहमान खान
नई दिल्ली, 9 सितम्बर 2013 | अपडेटेड: 18:24 IST
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान खान ने मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है.
उन्होंने बीजेपी के यूपी प्रभारी और नरेंद्र मोदी के करीबी अमित शाह पर
राज्य का धार्मिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है
कि अमित शाह को यूपी भेजा जाना बीजेपी की एक सोची-समझी साजिश थी.
वहीं, केंद्रीय मंत्री ने हिंसा को राज्य सरकार की नाकामी बताया है, साथ ही केंद्र सरकार को भी आगे आकर हालत पर काबू पाने के लिए अपील की है.
अमित शाह को भेजने पीछे माहौल बिगाड़ने का प्लान
के रहमान खान ने कहा, 'मुजफ्फरनगर हिंसा एक खुली राजनीतिक साजिश है. कुछ लोगों का मकसद है कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले यूपी में फिर से दंगे-फसाद कराए जाए. दहशत का माहौल बनाया जाए. खासकर अल्पसंख्यकों में दहशत पैदा की जा रही है. ताकि हिंदू वोटरों का ध्रुवीकरण हो, साथ ही मुस्लिम मतदाताओं का भी ध्रुवीकरण हो सके. सांप्रदायिक पार्टियों की यह सोची-समझी साजिश है. बदकिस्मती की बात यह है कि यूपी सरकार इन हालात से वाकिफ थी कि बीजेपी क्या करने जा रही है. जब अमित शाह जैसा शख्स को यूपी का प्रभारी बनाया जाता है, जिस पर 2002 गुजरात दंगों में शामिल होने का आरोप है. उस वक्त तक यूपी सरकार को चौकन्ना होना जाना चाहिए था. पर अफसोस ऐसा नहीं हुआ.'
यह राज्य सरकार की नाकामी है
के रहमान खान ने कहा, 'यह राज्य सरकार की नाकामी है. स्थिति काबू के बाहर चली गई है. ऐसे में प्रदेश सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए. वे केंद्र सरकार से मदद ले सकते हैं. ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को भी सहायता करने के लिए आगे आना चाहिए.'
राज्य सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए
उन्होंने कहा, 'लोग खौफजदा हैं. उन्हें घेरा गया है. मरने वालों के जो आधिकारिक आंकड़े आ रहे हैं इससे ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है. यह क्या हो रहा है. क्या कोई सरकार इसे बर्दाश्त कर सकेगी. संवैधानिक तौर पर बनी एक सरकार की जिम्मेदारी है कि वो लोगों को खौफ के माहौल से निकाले, लोग भाग रहे है. उस इलाके में कानून-व्यवस्था नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए और केंद्र सरकार को भी यूपी सरकार को निर्देश देना चाहिए. मैं इस मामले में गृहमंत्री व पीएम से मिलूंगा, और मांग करूंगा कि स्थिति को काबू में लाया जाए.'
वहीं, केंद्रीय मंत्री ने हिंसा को राज्य सरकार की नाकामी बताया है, साथ ही केंद्र सरकार को भी आगे आकर हालत पर काबू पाने के लिए अपील की है.
अमित शाह को भेजने पीछे माहौल बिगाड़ने का प्लान
के रहमान खान ने कहा, 'मुजफ्फरनगर हिंसा एक खुली राजनीतिक साजिश है. कुछ लोगों का मकसद है कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले यूपी में फिर से दंगे-फसाद कराए जाए. दहशत का माहौल बनाया जाए. खासकर अल्पसंख्यकों में दहशत पैदा की जा रही है. ताकि हिंदू वोटरों का ध्रुवीकरण हो, साथ ही मुस्लिम मतदाताओं का भी ध्रुवीकरण हो सके. सांप्रदायिक पार्टियों की यह सोची-समझी साजिश है. बदकिस्मती की बात यह है कि यूपी सरकार इन हालात से वाकिफ थी कि बीजेपी क्या करने जा रही है. जब अमित शाह जैसा शख्स को यूपी का प्रभारी बनाया जाता है, जिस पर 2002 गुजरात दंगों में शामिल होने का आरोप है. उस वक्त तक यूपी सरकार को चौकन्ना होना जाना चाहिए था. पर अफसोस ऐसा नहीं हुआ.'
यह राज्य सरकार की नाकामी है
के रहमान खान ने कहा, 'यह राज्य सरकार की नाकामी है. स्थिति काबू के बाहर चली गई है. ऐसे में प्रदेश सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए. वे केंद्र सरकार से मदद ले सकते हैं. ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को भी सहायता करने के लिए आगे आना चाहिए.'
राज्य सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए
उन्होंने कहा, 'लोग खौफजदा हैं. उन्हें घेरा गया है. मरने वालों के जो आधिकारिक आंकड़े आ रहे हैं इससे ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है. यह क्या हो रहा है. क्या कोई सरकार इसे बर्दाश्त कर सकेगी. संवैधानिक तौर पर बनी एक सरकार की जिम्मेदारी है कि वो लोगों को खौफ के माहौल से निकाले, लोग भाग रहे है. उस इलाके में कानून-व्यवस्था नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए और केंद्र सरकार को भी यूपी सरकार को निर्देश देना चाहिए. मैं इस मामले में गृहमंत्री व पीएम से मिलूंगा, और मांग करूंगा कि स्थिति को काबू में लाया जाए.'
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