मोदी की साजिश को समझे मुस्लिम समुदाय: सुन्नी गुरु खालिद राशिद
लखनऊ, 9 सितम्बर 2013 | अपडेटेड: 18:12 IST
मंगलवार को राजस्थान में नरेंद्र मोदी की सभा है और इस सभा में आने
वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को टोपी पहनकर सभा में आने को कहा गया है.
इसे लेकर अब मुस्लिम समुदाय से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.
लखनऊ स्थित फिरंगी महली के सुन्नी गुरु खालिद राशिद का कहना है कि 2002 में जो गुजरात में हुआ, उससे भारत ही नहीं पूरी दुनिया वाकिफ है. उसके बावजूद भी जो लोग वहां कसूरवार थे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. नरेंद्र मोदी ने अभी तक उसकी जिम्मेदारी नहीं ली और ना ही उसके लिये कोई माफी नहीं मांगी. इन सबके बावजूद अगर कुछ मुसलमान उनकी रैली में शिरकत करते हैं तो यह अफसोसजनक है. जिस तरह से उसमें ड्रेस कोड सिर्फ मुसलमानों के लिये लागू किया गया है, और चुनाव के समय मुसलमानों की जो नुमाइश करनी है तो हम समझते हैं कि मुसलमानों को इस हरकत और साजिश को समझना चाहिये और उससे दूर रहना चाहिये.
वहीं शिया गुरु कल्बेजव्वाद ने कहा है कि यह सब ड्रामा है, इससे पहले भी जो चुनाव हुआ था उसमें कुछ लोगों नें बीजेपी का साथ दिया था. यहां पर भी आये थे लेकिन जनता पर कोई असर नहीं हुआ. पब्लिक सब जानती है कि बीजेपी की क्या रणनीति है. वो एंटी मुस्लिम पॉलिसी दो-चार लोग अगर स्टेज पर सामने आ गये तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. दो-चार या 10 लोग अगर मोदी या बीजेपी के साथ हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि मुसलमान मोदी के साथ हैं. दो-चार लोगों को पैसे देकर कहीं भी शामिल किया जा सकता है, कोई भी पार्टी शामिल कर सकती है. सपा में देखिये कितने दूसरे महजब के लोग शामिल हैं, मुस्लिम लीग में शामिल हैं, वो तो ड्रामा है यह दिखाने के लिये कि मुसलमान हमारे साथ. अगर मुसलमान आपके साथ तो ड्रेसकोड की जरुरत ही नहीं है, इसका मतलब है कि यह केवल ड्रामा है और चंद लोगों को खरीदा गया है.
लखनऊ स्थित फिरंगी महली के सुन्नी गुरु खालिद राशिद का कहना है कि 2002 में जो गुजरात में हुआ, उससे भारत ही नहीं पूरी दुनिया वाकिफ है. उसके बावजूद भी जो लोग वहां कसूरवार थे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. नरेंद्र मोदी ने अभी तक उसकी जिम्मेदारी नहीं ली और ना ही उसके लिये कोई माफी नहीं मांगी. इन सबके बावजूद अगर कुछ मुसलमान उनकी रैली में शिरकत करते हैं तो यह अफसोसजनक है. जिस तरह से उसमें ड्रेस कोड सिर्फ मुसलमानों के लिये लागू किया गया है, और चुनाव के समय मुसलमानों की जो नुमाइश करनी है तो हम समझते हैं कि मुसलमानों को इस हरकत और साजिश को समझना चाहिये और उससे दूर रहना चाहिये.
वहीं शिया गुरु कल्बेजव्वाद ने कहा है कि यह सब ड्रामा है, इससे पहले भी जो चुनाव हुआ था उसमें कुछ लोगों नें बीजेपी का साथ दिया था. यहां पर भी आये थे लेकिन जनता पर कोई असर नहीं हुआ. पब्लिक सब जानती है कि बीजेपी की क्या रणनीति है. वो एंटी मुस्लिम पॉलिसी दो-चार लोग अगर स्टेज पर सामने आ गये तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. दो-चार या 10 लोग अगर मोदी या बीजेपी के साथ हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि मुसलमान मोदी के साथ हैं. दो-चार लोगों को पैसे देकर कहीं भी शामिल किया जा सकता है, कोई भी पार्टी शामिल कर सकती है. सपा में देखिये कितने दूसरे महजब के लोग शामिल हैं, मुस्लिम लीग में शामिल हैं, वो तो ड्रामा है यह दिखाने के लिये कि मुसलमान हमारे साथ. अगर मुसलमान आपके साथ तो ड्रेसकोड की जरुरत ही नहीं है, इसका मतलब है कि यह केवल ड्रामा है और चंद लोगों को खरीदा गया है.
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