पहले आजम पर अटैक, अब मुलायम हो गए सॉफ्ट
टीम डिजिटल/लखनऊ | अंतिम अपडेट 12 सितंबर 2013 1:47 PM IST पर
आज दोपहर एक बजे तक आगरा में सपा की प्रेस कांफ्रेंस होने की उम्मीद जताई जा रही थी।
लेकिन, सपा के सिपहसालार मीडिया द्वारा आजम खां पर पूछे जाने वाले सवालों से चिंतित थे।
इन्हीं सवालों से बचने के लिए तय हुआ कि प्रेस कांफ्रेंस नहीं की जाएगी।
हालांकि, अब खबर आ रही है प्रेस कांफ्रेंस हो गई। जो बातें सपा सुप्रीमो ने कहीं, उससे साफ हो गया है कि सपा ने आजम पर लीपापोती करने का मन बना लिया है।
उन्होंने आजम पर सॉफ्ट रुख अपनाते हुए कहा, 'आजम मुझसे नाराज नहीं हो सकते। कैबिनेट में ना आने का जवाब सीएम यानी अखिलेश यादव देंगे।' मुलायम ने यहां तक कहा कि आजम की कुछ परेशानियां थीं, जिनकी वजह से वो बैठक में शामिल नहीं हो पाए।
हालांकि, वहीं बगल में बैठे अखिलेश एक सावल के जवाब में कह बैठे कि आजम को कहीं जाना था। इसकी वजह से वो नहीं हआ पाए। यानी, सपा में ही यह तय नहीं हो सका कि आजम पर क्या स्टैंड लेना है।
दूसरी तरफ, आजम के खेमे से कोई आवाज नहीं आ रही है। न आजम किसी से मिल रहे हैं, न ही किसी का फोन खुद उठा रहे हैं। यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि रामगोपाल और नरेश अग्रवाल जैसे पार्टी के पुराने नेताओं के सख्त रुख के बाद पार्टी क्या रुख अपनाती है।
बहरहाल, यह तो तय माना जा रहा है कि एक खेमे को नाराजगी ही हाथ लगेगी। अगर मुलायम ने आजम का भी मुलायम रवैया अख्तियार किया, तो रामगोपाल का नाराज होना लाजिमी होगा।
लेकिन, सपा के सिपहसालार मीडिया द्वारा आजम खां पर पूछे जाने वाले सवालों से चिंतित थे।
इन्हीं सवालों से बचने के लिए तय हुआ कि प्रेस कांफ्रेंस नहीं की जाएगी।
हालांकि, अब खबर आ रही है प्रेस कांफ्रेंस हो गई। जो बातें सपा सुप्रीमो ने कहीं, उससे साफ हो गया है कि सपा ने आजम पर लीपापोती करने का मन बना लिया है।
उन्होंने आजम पर सॉफ्ट रुख अपनाते हुए कहा, 'आजम मुझसे नाराज नहीं हो सकते। कैबिनेट में ना आने का जवाब सीएम यानी अखिलेश यादव देंगे।' मुलायम ने यहां तक कहा कि आजम की कुछ परेशानियां थीं, जिनकी वजह से वो बैठक में शामिल नहीं हो पाए।
हालांकि, वहीं बगल में बैठे अखिलेश एक सावल के जवाब में कह बैठे कि आजम को कहीं जाना था। इसकी वजह से वो नहीं हआ पाए। यानी, सपा में ही यह तय नहीं हो सका कि आजम पर क्या स्टैंड लेना है।
दूसरी तरफ, आजम के खेमे से कोई आवाज नहीं आ रही है। न आजम किसी से मिल रहे हैं, न ही किसी का फोन खुद उठा रहे हैं। यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि रामगोपाल और नरेश अग्रवाल जैसे पार्टी के पुराने नेताओं के सख्त रुख के बाद पार्टी क्या रुख अपनाती है।
बहरहाल, यह तो तय माना जा रहा है कि एक खेमे को नाराजगी ही हाथ लगेगी। अगर मुलायम ने आजम का भी मुलायम रवैया अख्तियार किया, तो रामगोपाल का नाराज होना लाजिमी होगा।
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