बागपत: कारतूसों का जखीरा देख खुफिया एजेंसियां भी दंग
Updated on: Thu, 12 Sep 2013 12:00 PM (IST)मंगलवार की रात फायरिंग होने के बाद बुधवार दिन में भी गांव में फायरिंग व पथराव हुआ। पुलिस बल के साथ मिलकर अभियान चलाकर संप्रदाय विशेष के लोगों के घरों की तलाशी लेनी शुरू की तो रोजुद्दीन के घर में तमंचों के कारतूस के अलावा एके-47 के 41 कारतूस बरामद होते ही पुलिस के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं। पुलिस ने शक के आधार पर तलाशी लेकर रायफल बरामद करनी चाही तो वह बरामद नहीं हो सकी।
सीओ राजेश सोनकर ने बताया कि कि जिस घर से एके 47 के कारतूस बरामद हुए हैं उस घर का कोई सदस्य बीएसएफ में कार्यरत बताया गया है, जो इन कारतूस को लाया था। जांच कराई जा रही है।
सर्च अभियान बीच में ही बंद क्यों किया गया
पुलिस ने किरठल गांव में तलाशी अभियान शुरू किया, लेकिन संप्रदाय विशेष के लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। उसके बाद फिर पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान एके 47 के कारतूस बरामद हुए, लेकिन पुलिस ने बीच में ही तलाशी अभियान रोक दिया। सूत्रों का कहना है कि सर्च अभियान को बंद करने के लिए ऊपर से दबाव था।
अरुण कुमार, एडीजी कानून व्यवस्था ने बताया कि किरठल गांव में दो संप्रदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। सीओ का गनर पथराव में घायल हुआ है। वहां तलाशी में एके-47 के 41 कारतूस, नाइन एमएम के 17 कारतूस, पिस्टल का एक कारतूस, एक बंदूक और चाकू आदि बरामद किए गए हैं। घर से एके 47 के कारतूस बरामद होना गंभीर मामला है। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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