Monday, 9 September 2013

हाथ पर हाथ धरे बैठी थी अखिलेश सरकार

हाथ पर हाथ धरे बैठी थी अखिलेश सरकार

muzaffarnagar riots akhilesh not handled properly

मुजफ्फरनगर में बेकाबू होते जा रहे हालात के बावजूद उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी थी।

गृह मंत्रालय के अतिविशिष्ट सूत्रों की मानें तो टीवी पत्रकार सहित छह लोगों की हत्या के बाद भी राज्य प्रशासन ने कुछ नहीं किया।

यहां तक कि मुजफ्फरनगर में हालात बिगड़ने से बचाने के लिए कर्फ्यू तब लगा, जब गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने राज्य सरकार के अधिकारियों से बातचीत कर इस आशय का दबाव डाला।

इतना ही नहीं हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बलों, सेना और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती में राज्य सरकार के बदले गृह मंत्रालय ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसके लिए खुद केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने रक्षा सचिव राधाकृष्ण माथुर से बात की।

हालत इतनी बदतर थी कि दंगाग्रस्त क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों को पता तक नहीं था कि बिगड़े हालात को संभालने के लिए क्या किया जाना चाहिए। हालात बेहद बिगड़ जाने के बावजूद न तो राज्य सरकार ने सेना की मांग की और न ही कर्फ्यू लगाना मुनासिब समझा।

केंद्र ने दबाव डाल कर कर्फ्यू लगवाया और अपनी ओर से सेना, अर्द्धसैनिक बलों और आएएफ के जवानों को जल्द से जल्द हिंसाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचाने की व्यवस्था की।

इससे पहले राज्य सरकार ने इस भीषण हिंसा का कारण बने 27 अगस्त के हत्याकांड मामले में शामिल दोनों पक्षों के लोगों को केंद्र के सुझाव के बावजूद हिरासत में नहीं लिया।

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