Tuesday 10 September 2013

दिल्ली गैंग रेप के गुनाहगारों की तरह ही आसाराम को भी मिले सजा'

दिल्ली गैंग रेप के गुनाहगारों की तरह ही आसाराम को भी मिले सजा'

अयोध्या, 10 सितम्बर 2013 | अपडेटेड: 00:02 IST

आसाराम
आसाराम
दिल्ली गैंग रेप के गुनाहगारों का गुनाह तय होने के साथ ही उनको उम्र कैद मिलेगी या फांसी इसको लेकर बहस शुरू हो गई है. लेकिन इसी के साथ धर्म नगरी अयोध्या से भी साधु-संतो की एक मांग पुरजोर तरीके से उठी है कि जो सजा दिल्ली गैंग रेप के गुनाहगारों को मिले वही सजा साधु -संतो का नाम बदनाम करने वाले आसाराम को भी दी जाय. अपनी इसी मांग को लेकर मंगलवार को अयोध्या के साधु-संतो, कथावाचको और पुजारियों ने आसाराम को फांसी दो, . फांसी दो का नारा लगाते हुए उनका पुतला फूँका और साधु वेश में किये गए उनके कृत्य की तुलना दिल्ली गैंग रेप के आरोपियों से की और उनके लिए उसी तरह की सजा की मांग की.
अयोध्या के साधु -संतों और कथा वाचकों की मानें तो आसाराम ने अपने गुनाहों से लोगों की भावना और श्रद्धा को धक्का पहुंचाया है.लिहाजा उनके द्वारा कुटिया में किया गया बालिका से दुष्कर्म और दिल्ली में युवती से किया गया दुराचार दोनों एक ही तरह का है.राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास के मुताबिक आसाराम और दिल्ली गंग रेप के आरोपियों की सजा एक ही तरह की होनी चाहिए.
साधु वेश में किये गए आसाराम के कृत्य से अयोध्या के साधु-संत बहुत आहत हैं.उनका मानना है की आसाराम ने सभी साधु-संतो को बदनाम किया है.इसके लिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए. साथ ही ऐसे कालनेमी वेश धारी साधु-संतों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और आसाराम जैसे लोगों के खिलाफ सभी संतों-महंतों को आगे आना चाहिए.
अयोध्या के कथावाचक देव मोरारी बापू न कहा,'जो लोग आसाराम के पक्ष में बोल रहे है. उनकी हम घोर निंदा करते है. आसाराम के ऊपर पहले भी जमीन हड़पने,लडकियों से छेड़खानी करने तथा उनके साथ अश्लील व्यवहार करने के आरोप रहे हैं. हम उस लड़की को भी धन्यबाद देना चाहते है, जिसने उनका कुकृत्य उजागर किया. आसाराम के लिए उम्रकैद या हो सके तो फांसी की सजा मिलन चाहिए. तुलसी दास ने भी काल्नेमी की तरह वाले साधु वेश धारी संतो को दंड देने की बात कही है.
अयोध्या संत सभा के महामंत्री नागा राम लखन दास ने भी कहा,'अयोध्या के सम्स्त साधु आशाराम का घोर विरोध करते है. वह ना तो साधु है और ना संत ही. अभी हमलोगों ने कुम्भ में उनको भगाया था. साधु के आश्रम में लडकियां नहीं रहती. जो उनका साथ दे रहे है, उनको बता दूं कि बलात्कारी और अपराधी का साथ देने वाला भी अपराधी होता है. इसलिए उनके कृत्यों का घोर विरोध होना चाहिए और सभी साधु-संतों को इसके लिए आगे आना चाहिए.

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