Tuesday, 10 September 2013

मुज़फ़्फ़रनगर हिंसा: मृतकों की संख्या पर एक राय नहीं

मुज़फ़्फ़रनगर हिंसा: मृतकों की संख्या पर एक राय नहीं

 मंगलवार, 10 सितंबर, 2013 को 17:04 IST तक के समाचार

मुज़फ़्फ़रनगर हिंसा
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर और आस-पास के ज़िलों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या को लेकर एक राय देखने को नहीं मिल रही है.
राज्य के गृह सचिव कमल सक्सेना ने समाचार एज़ेंसी पीटीआई को बताया, "पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भड़की हिंसा में अब तक 38 लोगों की मौत हुई है. इनमें मुजफ़्फ़रनगर में अकेले 32 लोगों की मौत हुई है."
कमल सक्सेना ने ये भी बताया कि इस हिंसा में मेरठ जिले में दो और हापुड़, बागपत, सहारनपुर और शामली में एक-एक लोगों की मौत हुई है.
इन जिलों में अब तक 366 लोगों को हिरासत में लिया गया है. सक्सेना के मुताबिक मुजफ़्फ़रनगर, शामली और मेरठ में सेना की पेट्रोलिंग जारी है.
लेकिन हिंसा में मृतकों की संख्या को लेकर प्रशासन में एक राय नहीं है. राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ) आशीष गुप्ता ने बीबीसी को बताया कि अब तक इस हिंसा में 36 लोगों की मौत हुई है और मंगलवार सुबह से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं हैं.

अलग-अलग आंकड़े

कमल सक्सेना, गृह सचिव, उत्तर प्रदेश (पीटीआई से) 38
आशीष गुप्ता, आईजी (एसटीएफ़), बीबीसी से 36
नित्यानंद राय, पीआरओ यूपी पुलिस, बीबीसी से 32

कर्फ्यू

मुजफ़्फ़रनगर ज़िले के तीन थाना क्षेत्रों- सिविल लाइंस, कोतवाली और नई मंडी में कर्फ्यू अब भी जारी है और इसमें ढील देने के बारे में कोई फ़ैसला मंगलवार शाम को समीक्षा के बाद ही किया जाएगा.
इस हिंसा के लिए उत्तर प्रदेश की क्लिक करें अखिलेश यादव सरकार को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है. उधर राज्य सरकार ने मुजफ़्फ़रनगर में 27 अगस्त से 9 सितंबर तक भड़की हिंसा के मामले की जांच करने के लिए रिटायर्ड जस्टिस विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमीशन नियुक्त किया है.
कमीशन मामले की जांच कर दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
सुशील कुमार शिंदे
शिंदे ने कहा कि केन्द्र सरकार दंगों से निपटने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है.
ज़मीनी स्तर पर जहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, वहीं राज्य सरकार पर लगातार राजनीतिक हमले हो रहे हैं.
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री क्लिक करें सुशील कुमार शिंदे का कहना है कि क्लिक करें उत्तर प्रदेश की सरकार को पहले ही चेतावनी दे दी गई थी कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है.
शिंदे ने कहा, "मैंने अपनी मासिक बैठक में कहा था कि चुनावों के नज़दीक आने के मद्देनजर देश में देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है."
उन्होंने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा, "हमारे पास ऐसी सूचना है कि कुछ लोग ऐसा कर सकते है. मैं किसी पार्टी को ज़िम्मेदार नहीं मान रहा हूं."

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