Monday, 9 September 2013

चौकियां बनाने के भारत के फैसले से उड़ी चीन की नींद

चौकियां बनाने के भारत के फैसले से उड़ी चीन की नींद

india's new border posts 'provocative' chinese expert

भारत-चीन सीमा पर 35 नई चौकियां बनाने के भारत के फैसले ने चीन की नींद उड़ा दी है।

चीन के अहम फैसलों में प्रमुख भागीदारी निभाने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह कदम ‘भड़काने’ वाला है और इससे एक बार फिर विवाद खड़ा हो सकता है।

शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआईआईएस) के विशेषज्ञ लियू जोंगी का एक लेख स्थानीय अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपा है, जिसमें उन्होंने इस पर चिंता व्यक्त की है।

उन्होंने लिखा है, ‘नई बॉर्डर पोस्ट तैयार करना एक संवेदनशील मुद्दा है। जवाहर लाल नेहरू सरकार द्वारा शुरू की गई फॉरवर्ड पॉलिसी की वजह से 1962 में चीन-भारत सीमा पर लड़ाई छिड़ी थी। अब चीन और भारत के बीच एलएसी मैक्मोहन लाइन के उत्तर तक है और भारत द्वारा बनाई जाने वाली नई पोस्ट इस लाइन को क्रॉस कर सकती हैं। इससे सीमा क्षेत्र में तनाव पैदा होने का खतरा है और इससे द्विपक्षीय सहयोग भी प्रभावित होगा।’

हालिया घुसपैठ की घटनाओं और वायुसेना प्रमुख एनएके ब्राउन की चीन यात्रा पर संशय के बादल होने की खबरों का उल्लेख करते हुए लियु ने आगे लिखा है कि भारतीय सरकार और मीडिया सीमा विवाद पर कुछ ज्यादा प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं।

पिछले महीने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक अजय चड्डा ने रिटायरमेंट से पहले कहा था कि 35 नई बॉर्डर पोस्ट तैयार की जाएंगी।

साथ ही भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए आईटीबीपी के अतिरिक्त जवानों को चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा।

वर्तमान में सीमा पर भारत की 150 से ज्यादा पोस्ट हैं और अर्द्धसैनिक बल 3488 किमी लंबी एलएसी की रखवाली करते हैं।

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