Tuesday 10 September 2013

आर्थिक मोर्चे से मिले शुभ संकेत

आर्थिक मोर्चे से मिले शुभ संकेत

Updated on: Tue, 10 Sep 2013 10:39 PM (IST)
Indian economy
आर्थिक मोर्चे से मिले शुभ संकेत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में जुटे संप्रग के आर्थिक सिपहसालार मंगलवार को वाकई खुश हुए होंगे। होना भी चाहिए, क्योंकि महीनों बाद एक साथ अर्थव्यवस्था के कई मोर्चो से मंगलकारी संकेत मिले हैं। देश के निर्यात में अगस्त के दौरान 13 फीसद की बढ़ोतरी हुई। डॉलर के मुकाबले रुपये ने एक दिन में 140 पैसे की मजबूती दिखाकर अपना दम साबित किया है। बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स ने भी इस दिन 727 अंकों की छलांग लगाकर फिर से 20 हजारी होने की संभावना बढ़ा दी है। बीएसई के सूचकांक में चार साल का यह सबसे बड़ा उछाल है।

व्यापार घाटे पर अंकुशअर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सबसे मजबूत संकेत विदेश व्यापार से मिला है। अगस्त, 2013 में निर्यात 13 फीसद बढ़कर 26.14 अरब डॉलर रहा। सोने का आयात रोकने की सरकार व रिजंर्व बैंक की कोशिशों के चलते कुल आयात 0.68 फीसद गिरकर 37 अरब डॉलर हो गया। इस महीने सोने का आयात 65 करोड़ डॉलर का रहा है, जबकि अगस्त, 2012 में यह 220 करोड़ डॉलर था। बीते माह कच्चे तेल को छोड़ अन्य सभी उत्पादों का आयात कम हुआ है। इस वजह से व्यापार घाटे की राशि घटकर 10.9 अरब डॉलर की रह गई है। पिछले वित्ता वर्ष की समान अवधि में 14.7 अरब डॉलर का व्यापार घाटा रहा था। वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में सुधार और सरकार की ओर से निर्यातकों को मिले प्रोत्साहनों की वजह से निर्यात बढ़ा है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। यह दीगर है कि प्रमुख ग्लोबल रेटिंग एजेंसी और रिसर्च मूडीज ने कहा है कि अकेले निर्यात में बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था के चमकने का संकेत नहीं है।
रुपये ने दिखाया दममुद्रा बाजार पर सरकार की नीतियों और आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन के वादों का असर अभी जारी है। घरेलू मुद्रा डॉलर के मुकाबले मंगलवार को 140 पैसे उछल 63.85 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई। कारोबार के दौरान यह एक समय 63.78 रुपये प्रति डॉलर के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी। यह रुपये की पिछले दो हफ्तों की सबसे मजबूत कीमत है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) की तरफ से बाजार में ज्यादा निवेश (2,500 करोड़ रुपये) इसकी एक बड़ी वजह बताई जा रही है। जानकार मान रहे हैं कि आगे भी हालात ऐसे ही रहेंगे। पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष सुमन ज्योति खेतान का कहना है कि दिसंबर, 2013 तक रुपया डॉलर के मुकाबले 60 के स्तर पर आ जाएगा। पिछले चार दिनों में रुपये के मुकाबले डॉलर में 3.79 रुपये की कमजोरी आ चुकी है।
शेयर बाजार हुआ गुलजारसीरिया पर अमेरिका की तरफ से हमला नहीं होने के आसार बढ़ते देख देश का शेयर बाजार सुबह से ही गुलजार था। लेकिन बाद में कारों की बिक्री, निर्यात बढ़ने और रुपये में मजबूती की खबरों ने इसे जैसे पंख लगा दिए। बीएसई का सेंसेक्स बीस हजारी बनने से भले चूक गया, फिर भी यह 727.04 अंक यानी 3.77 फीसद उछल 19997.10 पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 216.35 अंक चढ़कर 5896.75 पर पहुंच गया। जानकारों का कहना है कि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने और बेहतर मानसून की वजह से शेयर बाजार में तेजी का माहौल आगे भी जारी रह सकता है।
कारों की बिक्री बढ़ीपिछले नौ महीनों से बिक्री में गिरावट से जूझ रहे घरेलू कार उद्योग के लिए त्योहारी सीजन का पहला महीना (अगस्त) बढि़या रहा है। घरेलू बाजार में कारों की बिक्री में 15.37 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है। त्योहारी सीजन के शेष महीनों- सितंबर, अक्टूबर व नवंबर के दौरान भी कंपनियों ने ज्यादा बिक्री की संभावना जताई है।
क्यों मजबूत हो रहा रुपया
1. नए रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के संकेत
2. सीरिया पर हमला नहीं होने से कच्चा तेल सस्ता होने के आसार
3. ज्यादा फायदे की लालच में एफआइआइ ने निवेश बढ़ाया
4. बैंकों को विदेश से ज्यादा डॉलर लाने की मिली छूट से बना माहौल
5. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी वृद्धि
क्यों आई व्यापार घाटे में कमी
1. सोने के आयात को कम करने की तरकीब काम आई
2. अमेरिका, ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में तेजी
3. गैर तेल आयात में 10.4 फीसद की कमी
4. दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका में भारतीय माल की मांग बढ़ी

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