LIVE: माहौल बिगाड़ रहे हैं कुछ दल: CM
हिंसा
में मरने वालों की तादाद अब तक 28 पहुंच चुकी है। फुगना के एसएचओ ओमवीर को
पद से हटा दिया गया है, क्योंकि सबसे ज्यादा हिंसा उसी इलाके में हुई है।
- एडीजी अरुण कुमार
अखिलेश ने कहा कि सांप्रदायिक दंगों के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बातचीत कर यह जाना कि उन इलाकों में शांति बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, जो हाल में हिंसा की भेंट चढ़ गए थे।
मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की निंदा की और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई।
उन्होंने आश्वासन दिया कि इन हालात से निपटने के लिए केंद्र, राज्य सरकार को हरसंभव मदद देगा। इस बीच मुजफ्फरनगर में भड़के दंगों की वजह से वहां जाने की कोशिश करने वाले नेताओं को पुलिस रोक रही है।
राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी को उत्तर प्रदेश में दाखिल होते वक्त रोक दिया गया। वे लोग मुजफ्फरनगर जा रहे थे। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है।
इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद भी मुजफ्फरनगर जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन उन्हें भी रोक दिया गया है।
इससे पहले मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगों की आंच दूर तक फैलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की नींद आखिरकार सोमवार को खुली।
इन दंगों में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य जख्मी हैं।
उत्तर प्रदेश के एडीजी अरुण कुमार ने बताया कि मुजफ्फरनगर के डीआईजी डी सी मिश्रा और सहारनपुर के कमिश्नर एस के श्रीवास्तव को हटा दिया गया है।
अशोक मुथा जैन मुजफ्फरनगर के नए डीआईजी और भुवनेश कुमार सहारनपुर के नए कमिश्नर होंगे। इसके अलावा फुगना के थाना प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया है।
कुमार ने बताया कि अब तक 90 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दंगा प्रभावित इलाकों में हिंसा रोकने के लिए तीन थाना क्षेत्रों के हथियारी लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया, "हिंसा में मरने वालों की तादाद अब तक 28 पहुंच चुकी है। फुगना के एसएचओ ओमवीर को पद से हटा दिया गया है, क्योंकि सबसे ज्यादा हिंसा उसी इलाके में हुई है।"
कुमार के मुताबिक, "आदेश का उल्लंघन करने के चलते भाजपा विधायक दल के नेता हुकुम सिंह, विधायक सुरेश राणा, भारतेंदु, संगीत सोम और कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।"
उन्होंने कहा, "हमने फुगना, शाहपुर, धौराकलां में हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं, क्योंकि हिंसाग्रस्त इलाकों में उनका दुरुपयोग किया गया।"
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