Monday, 9 September 2013

मुज़फ़्फरनगर में हिंसा, पत्रकार समेत नौ की मौत

मुज़फ़्फरनगर में हिंसा, पत्रकार समेत नौ की मौत

 रविवार, 8 सितंबर, 2013 को 01:17 IST तक के समाचार

मुज़फ़्फ़रनगर में तनाव
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में दो अलग-अलग समुदायों के तीन युवकों की हत्या के बाद शुरू हुआ तनाव शनिवार को और बढ़ गया जिसमें एक पत्रकार समेत नौ लोगों की मौत हो गई है.
आईजी कानून व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने बीबीसी से बातचीत में नौ लोगों की मौत की पुष्टि की है.
उन्होंने कहा, ''जनसभा में नेताओं ने बेहद गैरज़िम्मेदाराना बयान दिए जिस कारण लोगों की भावनाएं भड़क गईं और हिंसा हुई.''
पुलिस हालात को नियंत्रण में करने के लिए पूरी तैयारी कर रही है. राज्य के एडीजी के मुताबिक 27 कंपनी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया जा रहा है.
यही नहीं अधिकारियों को दंगाइयों को रोकने के लिए स्वविवेक से गोली चलाने के आदेश भी दे दिए गए हैं.
एडीजी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस बल बढ़ाया गया है और भारी पुलिस बल गश्त कर रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि हिंसा का इलाके के व्यवसायों पर असर हो रहा है और जनता का काफ़ी नुकसान हो रहा है.

महापंचायत

जानसठ क़स्बे के निकट नगला मदौड़ गाँव के इंटर कॉलेज के मैदान में शनिवार को विशाल महापंचायत हुई जिसमें भारी तादाद में लोग शामिल हुए.
पुलिस के मुताबिक़ इस महापंचायत में शामिल होने आ रही भीड़ ने रास्ते में कथित रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
मुज़फ़्फ़रनगर के स्थानीय पत्रकार राजेश वर्मा
स्थानीय पत्रकार राजेश वर्मा की गोली लगने से मौत हो गई
इससे पहले मुज़फ़्फ़रनगर-शामली मार्ग पर स्थित बसी गाँव में महापंचायत में जा रहे लोगों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के बीच झड़पें हुई जिसमें कई लोगों के घायल होने की ख़बर है.
भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, भारतीय किसान यूनियन और खाप पंचायतों ने इस महापंचायत का आह्वान किया था.

तनाव

पंचायत में शामिल भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के एक युवक की हत्या की ख़बर से मुज़फ़्फरनगर शहर में भी तनाव व्याप्त हो गया और दोपहर बाद बाज़ार बंद हो गए.
मुज़फ़्फरनगर के अबुपुरा इलाक़े के स्थानीय लोगों के अनुसार वहां कवरेज कर रहे एक स्थानीय पत्रकार राजेश वर्मा की गोली लगने से मौत हो गई जिसके बाद शहर में तनाव और बढ़ गया.
पुलिस ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कड़े इंतज़ाम किए थे और पड़ोसी ज़िलों की पुलिस को भी तैनात कर दिया गया है.
इससे पहले गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी ने मुज़फ़्फ़रनगर बंद का आह्वान किया था. इस दौरान भी पूरे शहर में सन्नाटा रहा.

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