Monday, 9 September 2013

खराब इंग्लिश के नाम पर टॉर्चर झेल रही हिंदी मीडियम छात्रा ने दी जान

खराब इंग्लिश के नाम पर टॉर्चर झेल रही हिंदी मीडियम छात्रा ने दी जान

  लखनऊ, 6 सितम्बर 2013 | अपडेटेड: 19:12 IST

लखनऊ में एक ऐसा कॉलेज भी है जहां अंग्रेजी ना आना एक अभिशाप है. अंग्रेजी कमजोर होने के चलते एक शिक्षिका की प्रताड़ना से त्रस्त छात्रा इतनी निराश हुई कि उसने कॉलेज की तीसरी मंजिल से मौत को गले लगाने के लिए छलांग लगा दी. दो दिन तक जिंदगी से जूझने के बाद गुरुवार देर रात उसकी मौत हो गयी.मामला लखनऊ के आईआईएम रोड पर स्थित एमसी सक्सेना इंजीनियरिंग कॉलेज का है जहां लड़की बी-फार्मा की फर्स्ट इयर की छात्रा थी. लड़की के पिता का आरोप है कि कॉलेज की एक शिक्षिका और उसके सहपाठी छात्रों ने उसकी इस कमजोरी पर रैगिंग की और उसपर फब्तियां कसते थे. जिसको लेकर वो अकसर परेशान रहती थी और हताशा में उसने ये कदम उठा लिया. पुलिस ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ आत्महत्या के लिये उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया है.
कहने को तो देश आजाद हो गया है. कहने को तो हिन्दी में हिन्दुस्तान की जान बसती है लेकिन लखनऊ के एमसी सक्सेना इंजीनियरिंग कॉलेज में अंग्रेजी सब प्रतिभा पर भारी है. कॉलेज में अगर अंग्रेजी नहीं आती तो छात्रा इतनी प्रताड़ित होती है कि उसे मौत ही विकल्प दिखता है.
लड़की के पिता अबू इशाक ने बताया, 'हमे लगता है ये रैगिंग का मामला है. टीचर ने प्रताड़ित किया है. कहते थे कि तुम हिंदी मीडियम की हो, क्या पढ़ पाओगी इंग्लिश. यह कहकर उसको परेशान किया जा रहा था. एमसी सेक्सना में एडमिशन कराया था, 19 तारीख से जाना शुरू किया था बच्‍ची ने. 19 से लेकर शुक्रवार तक वो गई‍. शनिवार को वो नहीं गयी है. हमने उससे संडे को पूछा तो उसने कहा कि हमको परेशान किया जा रहा है. हमने पूछा कि कौन परेशान कर रहा है तो कुछ सीनियर छात्र और कुछ टीचर हैं, ये बात सामने आयी. हमने कहा कि बात करते हैं, तुम बिल्कुल परेशान न हो, भविष्य का मामला है पढ़ो, जाओ.'
वहीं सुमबुल इशाक के पिता के इन आरोपों को कालेज प्रशासन निराधार बता रहा है. रैगिंग के आरोपों को गलत बताते हुए कॉलेज प्रबंधक ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि सुमबुल को दाखिला लिये अभी थोड़ा ही वक्त हुआ था, इसलिये वो ज्यादा किसी से घुलमिल भी नहीं पायी थी. ऐसे में कोई उसे क्यों परेशान करेगा.
लेकिन जवाब तो इस बात का चाहिए कि जो लड़की एकदम सामान्य थी, जो पढ़ने में अच्छी थी और इस कॉलेज में ऐसा क्या हुआ कि उसने इस कॉलेज में करियर बनाने से अच्छा जिदंगी के सफर को खत्म करना बेहतर समझा. सवाल इस बात का भी कि वो तीसरी मंजिल से खुद कूदी या फिर इसमें भी किसी की शरारत थी. पुलिस को फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.

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