सेना तैनात, पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट
टीम डिजिटल/लखनऊ | अंतिम अपडेट 8 सितंबर 2013 5:29 PM IST पर
मुजफ्फरनगर
में हुई हिंसा के चलते पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट के साथ पुलिसकर्मियों की
छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। देर रात मुख्य सचिव ने बैठक की और सेना से
मदद मांगी गई।
सेना की टुकड़ियां मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गई हैं। उधर, मुख्यमंत्री ने हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
अभी-अभी मिल रही सूचना के मुताबिक अब तक पुलिस ग्रामीण इलाकों में पूरी तरह फेल रही है और आशंका है कि उपद्रव बढ़ सकता है।
सूत्रों की मानें तो हालात कहीं बेकाबू न हो जाएं इसलिए शामली में 28 कंपनी सेंट्रल फोर्स भेज दी गई है।
प्रदेश के संवेदनशील इलाकों में एहतियात बरतने और पुलिस फोर्स लगाने के निर्देश दिए गए हैं। आईजी कानून एवं व्यवस्था व आईजी मेरठ को हालात स्थिर होने तक मुजफ्फरनगर में कैंप करने को कहा गया है।
एडीजी रेलवे वहां पहले से ही कैंप कर रहे हैं। नोएडा में पुलिस आधुनिकीकरण की बैठक में हिस्सा ले रहे प्रमुख सचिव गृह को वापस लखनऊ बुला लिया गया। राजधानी से पांच कंपनी पीएसी और पांच कंपनी आरएएफ को भी भेजा गया।
मुख्यमंत्री ने हिंसा में मारे गए निजी चैनल के मीडियाकर्मी के परिवार को 15 लाख रुपये देने की घोषणा की है। बाकी मृतकों के परिवारवालों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली घायलों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
एडीजी कानून एवं व्यवस्था अरुण कुमार ने बताया कि मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा में एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर राजेश वर्मा समेत 16 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हैं।
मुजफ्फरनगर में बेकाबू हुए हालात को देखते हुए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सभी जिलों के अधिकारियों को हर गतिविधि पर नजर रखने को कहा गया है।
इसके अलावा 28 कंपनी अतिरिक्त पुलिस बल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुजफ्फरनगर में जिला प्रशासन ने तीन थाना क्षेत्रों सिविल लाइंस, कोतवाली और नई मंडी में कर्फ्यू लगा दिया है।
मुख्यमंत्री ने जाहिर की नाराजगी
बताया जा रहा है कि डीजीपी समेत अन्य आला पुलिस अधिकारियों के मुजफ्फरनगर में कैंप करने के बावजूद हिंसा भड़कने को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई है। हिंसा से नाराज मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह को नोएडा से लखनऊ लौटने और उपद्रव को नियंत्रित करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये।
सेना की टुकड़ियां मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गई हैं। उधर, मुख्यमंत्री ने हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
अभी-अभी मिल रही सूचना के मुताबिक अब तक पुलिस ग्रामीण इलाकों में पूरी तरह फेल रही है और आशंका है कि उपद्रव बढ़ सकता है।
सूत्रों की मानें तो हालात कहीं बेकाबू न हो जाएं इसलिए शामली में 28 कंपनी सेंट्रल फोर्स भेज दी गई है।
प्रदेश के संवेदनशील इलाकों में एहतियात बरतने और पुलिस फोर्स लगाने के निर्देश दिए गए हैं। आईजी कानून एवं व्यवस्था व आईजी मेरठ को हालात स्थिर होने तक मुजफ्फरनगर में कैंप करने को कहा गया है।
एडीजी रेलवे वहां पहले से ही कैंप कर रहे हैं। नोएडा में पुलिस आधुनिकीकरण की बैठक में हिस्सा ले रहे प्रमुख सचिव गृह को वापस लखनऊ बुला लिया गया। राजधानी से पांच कंपनी पीएसी और पांच कंपनी आरएएफ को भी भेजा गया।
मुख्यमंत्री ने हिंसा में मारे गए निजी चैनल के मीडियाकर्मी के परिवार को 15 लाख रुपये देने की घोषणा की है। बाकी मृतकों के परिवारवालों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली घायलों को 20-20 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
एडीजी कानून एवं व्यवस्था अरुण कुमार ने बताया कि मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा में एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर राजेश वर्मा समेत 16 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हैं।
मुजफ्फरनगर में बेकाबू हुए हालात को देखते हुए पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सभी जिलों के अधिकारियों को हर गतिविधि पर नजर रखने को कहा गया है।
इसके अलावा 28 कंपनी अतिरिक्त पुलिस बल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुजफ्फरनगर में जिला प्रशासन ने तीन थाना क्षेत्रों सिविल लाइंस, कोतवाली और नई मंडी में कर्फ्यू लगा दिया है।
मुख्यमंत्री ने जाहिर की नाराजगी
बताया जा रहा है कि डीजीपी समेत अन्य आला पुलिस अधिकारियों के मुजफ्फरनगर में कैंप करने के बावजूद हिंसा भड़कने को लेकर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई है। हिंसा से नाराज मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह को नोएडा से लखनऊ लौटने और उपद्रव को नियंत्रित करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिये।
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