मुजफ्फरनगर हिंसा: दंगाइयों को आजम की चेतावनी
टीम डिजिटल/लखनऊ | अंतिम अपडेट 8 सितंबर 2013 3:30 AM IST पर
नगर
विकास व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां ने मुजफ्फरनगर, शामली और
सहारनपुर में दंगे-फसाद जैसी स्थितियां पैदा करने को बेहद अफसोसनाक बताते
हुए जाति-धर्म के नाम पर माहौल खराब करने वाले को इन हरकतों से बाज आने की
चेतावनी दी है।
उन्होंने प्रभावित लोगों को भरोसा दिलाया है कि उनकी जान व माल की हिफाजत प्रदेश सरकार हर कीमत पर करेगी और माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
हालात को काबू में लाने को प्रशासनिक निर्णय लेने में तनिक भी देरी नहीं होगी।
आजम ने कहा, माहौल बिगाड़ने वाली ये सांप्रदायिक ताकतें देश की बुनियाद को कमजोर कर रही हैं। ऐसे तत्वों से हर हाल में सख्ती से निपटना होगा।
स्थानीय प्रशासन जिस ढंग से इस समस्या को सुलझाने का प्रयास कर रहा है, उससे न तो शासन चलता है और न ही प्रशासन। जरूरत है कड़े कदम उठाने की और दंगा-फसाद भड़काने वालों को अपराधी मानते हुए उन्हें सलाखों के पीछे डालने की। चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हो।
उन्होंने कहा, यदि प्रशासन कमजोरों व पीड़ितों को अपनी दहशत का शिकार बनाता है और दंगा भड़काने वाले प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता तो इससे न तो प्रशासन का इकबाल बुलंद होता है और न ही शासन की अच्छी छवि बनती है।
सांप्रदायिक तनाव व फसाद से प्रभावित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे दंगाइयों व बलवाइयों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं तथा कमजोरों व पीड़ितों की जान माल की हिफाजत में कोई कसर न छोड़ें। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से अपील की है कि वे लोगों के भड़कावे में न आएं और धैर्य से काम लेते हुए शांति का माहौल बहाल कराएं।
उन्होंने प्रभावित लोगों को भरोसा दिलाया है कि उनकी जान व माल की हिफाजत प्रदेश सरकार हर कीमत पर करेगी और माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
हालात को काबू में लाने को प्रशासनिक निर्णय लेने में तनिक भी देरी नहीं होगी।
आजम ने कहा, माहौल बिगाड़ने वाली ये सांप्रदायिक ताकतें देश की बुनियाद को कमजोर कर रही हैं। ऐसे तत्वों से हर हाल में सख्ती से निपटना होगा।
स्थानीय प्रशासन जिस ढंग से इस समस्या को सुलझाने का प्रयास कर रहा है, उससे न तो शासन चलता है और न ही प्रशासन। जरूरत है कड़े कदम उठाने की और दंगा-फसाद भड़काने वालों को अपराधी मानते हुए उन्हें सलाखों के पीछे डालने की। चाहे वे कितने ही प्रभावशाली क्यों न हो।
उन्होंने कहा, यदि प्रशासन कमजोरों व पीड़ितों को अपनी दहशत का शिकार बनाता है और दंगा भड़काने वाले प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता तो इससे न तो प्रशासन का इकबाल बुलंद होता है और न ही शासन की अच्छी छवि बनती है।
सांप्रदायिक तनाव व फसाद से प्रभावित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे दंगाइयों व बलवाइयों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं तथा कमजोरों व पीड़ितों की जान माल की हिफाजत में कोई कसर न छोड़ें। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से अपील की है कि वे लोगों के भड़कावे में न आएं और धैर्य से काम लेते हुए शांति का माहौल बहाल कराएं।
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