Monday, 9 September 2013

हालात बेकाबू, दंगाईयों को गोली मारने के आदेश

हालात बेकाबू, दंगाईयों को गोली मारने के आदेश

टीम डिजिटल/मुजफ्फर नगर/लखनऊ | अंतिम अपडेट 9 सितंबर 2013 10:19 AM IST पर
muzaffarnagar riots
दंगे की आग में जल रहे मुजफ्फरनगर जिले में सेना के फ्लैग मार्च और बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद लगातार दूसरे दिन हिंसा जारी रही।

दंगे में रविवार को मुजफ्फरनगर में 11 और शामली में दो लोगों की मौत हो गई जबकि शनिवार को तीन घायलों ने दम तोड़ दिया।

इस तरह दो दिनों में मरने वालों की संख्या 26 हो गई है। करीब 15 लोग अब भी लापता हैं। हिंसा अब गांवों में भी फैल गई है।

एडीजी कानून व्यवस्था अरुण कुमार ने कहा कि गांव में हिंसा फैलने की वजह से स्थिति को नियंत्रित करने में समय लग रहा है। दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।

शहर में कर्फ्यू के बावजूद तीन स्थानों पर पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है। नगर क्षेत्र के अलावा देहात के दंगाग्रस्त इलाकों में सेना को लगाया गया है। एडीजी अरुण कुमार यहां डेरा डाले हुए हैं।

सेना के जवानों ने हमले के डर से कई गांवों के अल्पसंख्यकों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अफसरों से रविवार के घटनाक्रम की जानकारी ली। आईजी लॉ एंड आर्डर आर. के. विश्वकर्मा के मुताबिक, दो दिनों में 26 लोगों की जान गई है।

वैसे शहर में पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांति रही, लेकिन देहात का इलाका सांप्रदायिकता की आग में जलता रहा।

सबसे बड़ी घटना शाहपुर थाना क्षेत्र के कुटबा-कुटबी में हुई। हथियारों से लैस भीड़ ने एक धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त करने के साथ कई मकानों में आग लगा दी।

हमले में 50 साल के वहीद, 55 साल के अंबरीश, 70 साल की खातून की मौत हो गई। छपार थाना क्षेत्र के सिसौना में कासमपुर पठेड़ी के ऋषिपाल को गोली मार दी गई, जबकि फुगाना में आस मोहम्मद और इस्लाम की हत्या कर दी गई।

खरड़ में 70 साल के सगीर की हत्या के बाद तनातनी बढ़ गई है। ककरौली क्षेत्र के खेड़ी फिरोजाबाद के लताफत अली की लाश तिस्सा रजवाहे से बरामद हुई है।

बसी कलां में हमले में घायल गर्भवती अफसाना और काकड़ा के महेन्द्र ने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। हिंसा को देखते हुए बरेली और मेरठ से आए सेना के जवानों को शहर के अलावा दंगाग्रस्त गांवों में भी तैनात किया गया है।

शामली में दो की मौत, शहर सेना के हवाले
शामली। कवाल में सुलगी नफरत की चिंगारी शनिवार को शामली पहुंच गई। जिले के लांक गांव में दोनों समुदायों के बीच हमलों में दो की मौत हो गई।

कई गांवों में फायरिंग-आगजनी, पथराव ओर हमलों में दो दर्जन से के बाद अधिक घायल हुए हैं। हिंसा के बाद शामली को सेना के हवाले कर दिया गया है। शाम को सेना ने शहर में फ्लैग मार्च किया।

शहर समेत कई गांवों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। रविवार की सुबह फुगाना थानाक्षेत्र के लांक गांव में दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। दोनों ओर से फायरिंग के बाद मकानों पर हमले और आजगनी हुई, जिसमें अहसान और अबलू की मौत हो गई।

बहावड़ी में दोनों समुदायों की झड़प के बाद कई मकानों में आगजनी की गई, यहां भी दोनों पक्षों में गोलियां चलीं। यहां वरिष्ठ पुलिस अफसरों ने मकानों में फंसे एक समुदाय के करीब 70 परिवारों के सैकड़ों लोगों को निकालकर शामली कोतवाली भिजवाया।

सिमलखा में चल रही ग्रामीणों की पंचायत के दौरान बलवा गांव की ओर से दूसरे समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया। यहां फायरिंग के बाद एक मकान को जला दिया गया। शाम को यहां बड़ौत अपनी रिश्तेदारी से वैन में लौट रहे परिवार पर हमला बोल दिया गया, जिसमें दो महिलाओं समेत सात लोग घायल हो गए।

लिसाढ़ गांव में पांच मकानों में आग लगा दी गई और फायरिंग हुई। शाम को सेना की दो टुकड़ियों के अलावा एक कंपनी भारत तिब्बत सीमा पुलिस दो कंपनी पीएससी यहां पहुंच चुकी थी। उधर जिला प्रशासन ने हरियाणा राज्य के पानीपत प्रशासन से वार्ता कर सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध किया है।

No comments:

Post a Comment